क्या सुहागा वास्तव में प्रकृति का उपहार है, जो त्वचा रोगों से लेकर सर्दी जुकाम में भी राहत देता है?
सारांश
Key Takeaways
- सुहागा एक प्राकृतिक खनिज है जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- यह जुकाम और सिरदर्द में राहत देता है।
- महिलाओं के लिए मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में सहायक है।
- त्वचा के लिए भी फायदेमंद है और मुंहासों को कम करता है।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों के माध्यम से रोगों के उपचार की परंपरा सदियों से मौजूद है, और हमारी प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे खनिज भी प्रदान किए हैं, जो स्वास्थ्य के लिए एक प्रकार की संजीवनी के समान हैं।
उनमें से एक महत्वपूर्ण खनिज है सुहागा। यह अपने नाम के अनुरूप ही प्राकृतिक गुणों से समृद्ध एक टॉनिक की तरह कार्य करता है, जो पेट से लेकर जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक है। हालाँकि, इसके उपयोग से पहले इसके सही उपयोग की जानकारी होना आवश्यक है।
आयुर्वेद में सुहागा को औषधीय गुणों वाला माना गया है और कई प्रकार के रोगों में इसका उपयोग किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो विभिन्न रोगों के उपचार में सहायक होते हैं। इसे टंकण भस्म, अंग्रेजी में बोरोक्स, और इसका वैज्ञानिक नाम सोडियम टेट्राबोरेट है।
सुहागा का उपयोग जुकाम और सिरदर्द के उपचार में भी किया जाता है। इसके लिए हल्दी और सुहागा का पाउडर तवे पर डालकर धीमी आंच पर गर्म करें। इसकी भाप से जुकाम और सिरदर्द में राहत मिलती है, और साइनस की समस्याओं में भी यह लाभदायक है।
यदि आपको बार-बार बुखार हो रहा है, तो दूध में थोड़ा सा सुहागा उबालकर पीना फायदेमंद हो सकता है। इससे बुखार कम होता है, लेकिन इसके उपयोग से पहले चिकित्सक से सलाह लेना न भूलें। इसके अलावा, मुंह के छालों के लिए गुनगुने पानी में सुहागा मिलाकर कुल्ला करने से राहत मिलती है।
आंखों की सूजन और लालिमा को कम करने में भी सुहागा का उपयोग होता है। इसे आंखों के लिए लाभकारी माना गया है। यदि आपके बालों में रूसी या त्वचा पर मुंहासे और फुंसियां हैं, तो नारियल के तेल में सुहागा पाउडर मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं या मूत्र संक्रमण में भी सुहागा का सेवन लाभकारी होता है। यह गर्भाशय से संबंधित रोगों को कम करने में मदद करता है।