क्या टीबी मुक्त मध्य प्रदेश के लिए हर नागरिक को आगे आना चाहिए? राज्यपाल मंगूभाई पटेल
                                सारांश
Key Takeaways
- टीबी के खिलाफ जन जागरूकता जरूरी है।
 - समुदाय की भागीदारी से ही टीबी मुक्त मध्य प्रदेश संभव है।
 - स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और संतुलित आहार लेना आवश्यक है।
 - दवा का नियमित सेवन और पौष्टिक भोजन से टीबी का इलाज संभव है।
 - राज्यपाल की अपील से नागरिकों को प्रेरित होना चाहिए।
 
भोपाल, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सोमवार को कहा कि नागरिकों को क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भागीदारी करने और समर्थन देने के लिए आगे आना चाहिए।
राज्यपाल ने भोपाल में आयोजित 76वें टीबी सील अभियान के उद्घाटन सत्र में कहा कि लोगों को टीबी रोगियों की सहायता करने में तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन का वास्तविक अर्थ मानवता की सेवा में निहित है और जरूरतमंदों की मदद करना एक पुण्य कार्य है, जिससे ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पटेल ने कहा कि टीबी के बारे में जानकारी फैलाना इसके उन्मूलन के लिए आवश्यक है। उन्होंने दूर-दराज और वंचित क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि इस बिमारी को छिपाना घातक हो सकता है। उन्होंने बताया कि रोग का शीघ्र निदान, नियमित दवाओं का सेवन और पौष्टिक आहार से गंभीर टीबी का इलाज संभव है।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के साथ टीबी मुक्त भारत अभियान की सफलता की आशा जताई। उन्होंने लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और अनुशासित रहने की सलाह दी।
पटेल ने खान-पान पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि भोजन में मोटे अनाज और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना, पर्याप्त पानी पीना, अच्छी नींद लेना और नियमित व्यायाम करना आवश्यक है।
भोपाल में आयोजित इस अभियान का उद्देश्य अभियानों, रैलियों और जागरूकता रैलियों के माध्यम से जनता को टीबी के बारे में अधिक जागरूक बनाना है, विशेष रूप से जनभागीदारी और सहयोग पर जोर देना।