क्या विक्रमशिला योग व ध्यान स्थल पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने से स्वस्थ रहने का संदेश दिया गया?

सारांश
Key Takeaways
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
- इस वर्ष की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' है।
- योग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- योग का अभ्यास नियमित रूप से किए जाने पर अधिक लाभकारी होता है।
- कहलगांव का विक्रमशिला स्थल एक ऐतिहासिक योग केंद्र रहा है।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस बार की थीम है "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग"। भारत के सभी राज्यों में लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इसी बीच, बिहार के भागलपुर स्थित कहलगांव के विक्रमशिला योग व ध्यान स्थल पर भी योग दिवस का आयोजन किया गया।
योग के अभ्यास के दौरान लोगों ने निरोग रहने का महत्वपूर्ण संदेश साझा किया। समाजसेवी चंदन ने कहा कि स्वस्थ तन के लिए स्वस्थ मन का होना अनिवार्य है और इसके लिए योग आवश्यक है।
कहलगांव के निवासी और समाजसेवी चंदन चंद्राकर ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि यह स्थल कई सदी पहले ध्यान योग का प्रमुख केंद्र था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत की थी, और अब हम इसके 11 वर्षों का जश्न मना रहे हैं। बुद्ध की जन्मभूमि पर योग दिवस का आयोजन वैश्विक शांति का संदेश देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना एक घंटा योग करना चाहिए।
चंदन चंद्राकर ने यह भी कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपने लिए समय निकालना जरूरी है। यदि तन स्वस्थ रहेगा, तो ही मन काम में लगेगा।
उन्होंने बताया कि आठवीं सदी में पालकालीन राजा धर्मपाल ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, जहां योग के साथ-साथ अन्य शास्त्रों की भी पढ़ाई होती थी। प्रधानमंत्री मोदी ने विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा की है, जिससे इस महाविहार का महत्व बढ़ने वाला है। इस जगह पर योग करने से शांतिपूर्ण संदेश फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। यहाँ उस समय के माहौल का भी सहज अंदाज लगाया जा सकता है जब हजारों छात्र पढ़ाई और योग-ध्यान करते थे।