क्या विश्व ध्यान दिवस पर 100 से ज्यादा देशों में 33 घंटे लंबी मेडिटेशन वेव चली? टोनी नाडर ने उद्घाटन किया
सारांश
Key Takeaways
- विश्व ध्यान दिवस का आयोजन हर वर्ष 21 दिसंबर को होता है।
- इसमें 33 घंटे की ग्लोबल मेडिटेशन वेव चली।
- डॉ. टोनी नाडर ने उद्घाटन किया और 10,000 ध्यान समूहों की स्थापना की।
- यह आयोजन शांति और कल्याण का संदेश फैलाने के लिए था।
- ग्लोबल मेडिटेशन में 100 से ज्यादा देशों ने भाग लिया।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पहला विश्व ध्यान दिवस एक ऐतिहासिक उत्सव के रूप में मनाया गया। 100 से अधिक देशों के लाखों लोगों ने 33 घंटे की ग्लोबल मेडिटेशन वेव में भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन आंदोलन के अंतरराष्ट्रीय नेता डॉ. टोनी नाडर ने किया।
डॉ. नाडर ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर ध्यान को शांति और कल्याण का माध्यम बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह आयोजन न्यूजीलैंड से प्रारंभ होकर हवाई तक फैला। सूर्य के साथ समय क्षेत्रों का अनुसरण करते हुए 33 सिंक्रोनाइज्ड मेडिटेशन सीज़न आयोजित किए गए। हर जगह स्थानीय समय अनुसार सुबह 8 बजे और शाम 5 बजे ध्यान किया गया।
भारत में प्रतिभागियों ने सुबह 8:30 बजे और शाम 5:30 बजे एक साथ ध्यान में भाग लिया। विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और परंपराओं के लोग इस शांति की वेव का हिस्सा बने।
ग्लोबल लाइवस्ट्रीम में डॉ. टोनी नाडर ने कहा कि यह ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन के 50 वर्षों के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने 10,000 ध्यान अभ्यासकर्ताओं के स्थायी समूहों की स्थापना की घोषणा की। ये समूह विश्वभर में एक साथ ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं।
वैज्ञानिक शोध से यह पता चलता है कि सामूहिक ध्यान से समाज में तनाव और संघर्ष कम होता है और सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। यह कार्यक्रम जनता के लिए खुला था। स्कूल, संगठन, धार्मिक समुदाय और नागरिक समूह इसमें शामिल हुए। इसके अतिरिक्त, 100 से अधिक देशों में ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन के राष्ट्रीय संगठनों ने स्थानीय कार्यक्रमों का आयोजन किया। प्रमुख शहरों, विश्वविद्यालयों और सामुदायिक स्थानों से बड़ी सहभागिता रही।
संयुक्त राष्ट्र ने ध्यान को महत्वपूर्ण मान्यता दी है। स्टाफ की स्वास्थ्य रणनीति में ध्यान को तनाव कम करने का एक साधन बताया गया है। उच्च तनाव वाले क्षेत्रों में इसकी उपयोगिता पर जोर दिया गया है।
ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में ध्यान की भूमिका को देखते हुए वर्ष 2024 में प्रस्ताव पारित किया था। इसमें 21 दिसंबर को हर वर्ष विश्व ध्यान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इसका उद्देश्य विश्वभर में ध्यान के फायदों के प्रति जागरूकता फैलाना है। ध्यान तनाव कम करता है, मन को शांत करता है और समग्र स्वास्थ्य को सुधारता है। वर्ष 2024 में 21 दिसंबर को पहला विश्व ध्यान दिवस मनाया गया था।