क्या सिंगापुर के प्रधानमंत्री की चीन यात्रा से बढ़ेंगे दोनों देशों के संबंध?

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क्या सिंगापुर के प्रधानमंत्री की चीन यात्रा से बढ़ेंगे दोनों देशों के संबंध?

सारांश

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की चीन यात्रा महत्वपूर्ण है। यह न केवल उनके लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है, बल्कि यह 35 वर्षों से चल रहे राजनयिक संबंधों की भी पुष्टि करता है। जानें इस यात्रा के संभावित प्रभाव और दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग के बारे में।

Key Takeaways

  • लॉरेंस वोंग की चीन यात्रा महत्वपूर्ण है।
  • चीन और सिंगापुर के बीच 35 वर्षीय राजनयिक संबंध।
  • आर्थिक चमत्कार के रूप में चीन का विकास।
  • समान विचारधारा वाले देशों के साथ व्यापारिक सहयोग।
  • क्षेत्रीय साझेदारी का विस्तार।

बीजिंग, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग 22 से 26 जून तक चीन की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।

हाल ही में, चीन की यात्रा की पूर्व संध्या पर, उन्होंने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में हो रहे परिवर्तन और अराजकता के बीच, हमें बहुपरकता को त्यागने के बजाय इसके समायोजन और सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि सभी देशों को इसका लाभ मिल सके।

चीन और सिंगापुर ने 1990 में राजनयिक संबंध स्थापित किए। इन 35 वर्षों में, चीन-सिंगापुर संबंध तेजी से विकसित हुए हैं। यह न केवल लॉरेंस वोंग की प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली चीन यात्रा है, बल्कि यह राजनयिक संबंधों की स्थापना की 35वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक महत्वपूर्ण उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान भी है। 2023 में, चीन-सिंगापुर संबंधों को उच्च-गुणवत्ता और दूरदर्शी साझेदारी में उन्नत किया गया है।

लॉरेंस वोंग ने कहा कि सिंगापुर और चीन के बीच आपसी विश्वास, सम्मान और समझ पर आधारित एक ठोस साझेदारी है। पिछले 20 वर्षों में, उन्होंने काईचिंग, शंघाई, तियानजिन, चेंगदू समेत चीन के कई शहरों का दौरा किया है।

उन्होंने बताया कि वे लगभग हर साल चीन का दौरा करते हैं। चीन के विकास को देखने के बाद, उन्हें विश्वास है कि इसे आर्थिक चमत्कार कहा जा सकता है। सिंगापुर और चीन के बीच सहयोग हमेशा घनिष्ठ साझेदारी के आधार पर आगे बढ़ता है।

व्यापार के मुद्दों पर चर्चा करते हुए, लॉरेंस वोंग ने कहा कि सिंगापुर समान विचारधारा वाले देशों के साथ मुक्त व्यापार और नियम-आधारित व्यापार प्रणाली की रक्षा के लिए काम कर रहा है। वे चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य प्रमुख एशियाई देशों के साथ घनिष्ठ सहयोग बनाए हुए हैं। इसके अलावा, वे यूरोपीय संघ, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के साथ भी संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। हालांकि, कुछ देशों से परिचित न होने के बावजूद, उन्हें घनिष्ठ संबंध स्थापित करने के लिए प्रयास करना चाहिए।

वे क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते और ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप के लिए व्यापक और प्रगतिशील समझौतों पर सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं और विभिन्न तंत्रों के बीच संबंधों के नए तरीकों की खोज में लगे हुए हैं।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक सकारात्मक संकेत है। दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं और भी बढ़ने की उम्मीद है।
NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

लॉरेंस वोंग की चीन यात्रा का उद्देश्य क्या है?
उनकी यात्रा का उद्देश्य व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा करना और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाना है।
चीन और सिंगापुर के बीच संबंध कब स्थापित हुए थे?
चीन और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंध 1990 में स्थापित हुए थे।