क्या 17 जुलाई विशेष है: नरसंहार और युद्ध अपराधों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून की नींव?

सारांश
Key Takeaways
- अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस हर साल 17 जुलाई को मनाया जाता है।
- इस दिन का उद्देश्य पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना है।
- नरसंहार और युद्ध अपराधों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून की नींव।
- यह दिन हमें समानता और न्याय के लिए प्रेरित करता है।
- इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की स्थापना का ऐतिहासिक दिन।
नई दिल्ली, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ‘अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस’ (इंटरनेशनल जस्टिस डे) हर साल 17 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय न्याय के महत्व को बढ़ावा देना और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना है।
विशेष रूप से, इसका मुख्य ध्येय नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रामकता जैसे गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों पर सुनवाई करना और दोषियों को दंडित करना है।
यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि कानून सभी के लिए समान है और कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।
17 जुलाई 1998 को रोम स्टैट्यूट (रोम संविधि) को अपनाया गया, जो इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। हालाँकि, रोम संविधि को 1998 में अपनाया गया था, लेकिन इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने अपना विधिवत कार्य 1 जुलाई 2002 से आरंभ किया।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के मुख्यालय रोम में यह संविधि विश्व के सभी देशों के हस्ताक्षर के लिए खोली गई थी। इसके बाद यह दस्तावेज 17 अक्टूबर 1998 तक रोम स्थित इटली के विदेश मंत्रालय में हस्ताक्षर के लिए उपलब्ध रहा। फिर यह संविधि 31 दिसंबर 2000 तक न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हस्ताक्षर के लिए खुली रही।
रोम संविधि को लेकर हस्ताक्षर करने वाले देशों के लिए यह अनिवार्य था कि वे इस संविधि को अपने देश की प्रक्रिया के अनुसार अनुसमर्थन, स्वीकृति या अनुमोदन के माध्यम से वैधानिक रूप से अपनाएं।
इन सभी दस्तावेजों को संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पास जमा कराया गया। साथ ही, यह संविधि उन देशों के लिए भी खुली थी, जिन्होंने प्रारंभ में हस्ताक्षर नहीं किया था। ऐसे देश अंगीकरण की प्रक्रिया द्वारा रोम संविधि से जुड़ सकते थे। इसमें भी संबंधित दस्तावेज संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पास जमा करने होते हैं।
यह दिन सरकारों और नागरिक समाज दोनों को याद दिलाता है कि यदि वे सच में अंतरराष्ट्रीय न्याय के प्रति प्रतिबद्ध हैं, तो इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट और अन्य न्यायिक संस्थाओं का निरंतर समर्थन देना आवश्यक है। ‘अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस’ हमें एक न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व के निर्माण की प्रेरणा देता है।