क्या दिनेश पुसु गवाड़े हत्याकांड में एनआईए ने बड़ी कार्रवाई की?
सारांश
Key Takeaways
- दो नक्सलियों की गिरफ्तारी से जांच को मिली मजबूती।
- गिरफ्तार आरोपियों का संबंध सीपीआई (माओवादी) से है।
- हत्या का उद्देश्य ग्रामीणों में डर फैलाना था।
- एनआईए जांच में कर रही है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
- इस मामले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
गढ़चिरौली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में हुए दिनेश पुसु गवाड़े हत्याकांड में महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए दो और फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) से संबंधित हैं और काफी समय से पुलिस को इनकी तलाश थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान रघु उर्फ प्रताप उर्फ इरपा उर्फ मुद्धेला उर्फ सैलू के रूप में हुई है, जो तेलंगाना के निजामाबाद जिले का निवासी है। दूसरा आरोपी शंकर महाका है, जो गढ़चिरौली का निवासी है। दोनों पर आरोप है कि ये दिनेश पुसु गवाड़े के अपहरण और हत्या की साजिश में शामिल थे।
विशेष रूप से, नवंबर 2023 में, दिनेश का अपहरण कथित तौर पर सीपीआई (माओवादी) के सदस्यों द्वारा किया गया था और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी। नक्सलियों को आशंका थी कि दिनेश पुलिस का मुखबिर है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा हुआ है। इसी शक के आधार पर उसे निशाना बनाया गया।
जांच एजेंसियों के अनुसार, यह हत्या माओवादी संगठन की उस साजिश का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य इलाके के ग्रामीणों में डर पैदा करना था ताकि कोई भी व्यक्ति सुरक्षा बलों को नक्सल गतिविधियों की जानकारी न दे सके।
इस मामले की जांच पहले गढ़चिरौली पुलिस कर रही थी, लेकिन अक्टूबर 2024 में इसे एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए ने जांच शुरू करने के बाद अब तक चार अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिनमें दोबा वड्डे, रवि पल्लो, सत्तू महाका और कोमाटी महाका के नाम शामिल हैं। अब दो और आरोपियों की गिरफ्तारी से जांच को और मजबूती मिली है।
एनआईए का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है और एजेंसी इस हत्याकांड के पीछे की पूरी साजिश को उजागर करने में जुटी है। इसके साथ ही बाकी बचे फरार आरोपियों की तलाश भी तेज कर दी गई है। एजेंसी का उद्देश्य केवल आरोपियों को पकड़ना नहीं, बल्कि नक्सली नेटवर्क की पूरी कड़ी को सामने लाना है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।