क्या बांग्लादेश में 258 नागरिकों ने 'ईशनिंदा' के आरोपों पर हिंसा को रोकने की मांग की?

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क्या बांग्लादेश में 258 नागरिकों ने 'ईशनिंदा' के आरोपों पर हिंसा को रोकने की मांग की?

सारांश

बांग्लादेश में 258 नागरिकों ने 'ईशनिंदा' के आरोपों के तहत हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने देश में धार्मिक कट्टरता के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। क्या यह बांग्लादेश की लोकतांत्रिक स्थिति को प्रभावित करेगा?

Key Takeaways

  • ईशनिंदा के आरोपों के तहत बढ़ती हिंसा पर नागरिकों ने आवाज उठाई।
  • सरकार की आलोचना हो रही है कि वह धार्मिक फासीवाद को सहन कर रही है।
  • अबुल सरकार की गिरफ्तारी ने लोगों में गुस्सा पैदा किया है।

ढाका, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिकों ने कथित 'ईशनिंदा' के नाम पर देश भर में हो रहे बड़े पैमाने पर हमलों, मुकदमे, गिरफ्तारी और भीड़ के हमलों को तुरंत रोकने की मांग की है। स्थानीय मीडिया ने इस बारे में जानकारी दी है।

यह मामला धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में बाउल सिंगर अबुल सरकार की गिरफ्तारी और उसके बाद मानिकगंज में उनके अनुयायियों पर हुए हमलों के खिलाफ बढ़ते गुस्से और विरोध के बीच आया है।

२५८ नागरिकों के संयुक्त बयान के अनुसार, पिछले साल जुलाई में हुए प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरता 'सिर उठा रही है', जहां एक विशेष वर्ग खुद को इस्लाम का 'एकमात्र प्रतिनिधि' मानता नजर आ रहा है, और इसने देश भर में कार्रवाई शुरू कर दी है।

बांग्लादेश के बंगाली दैनिक प्रोथोम आलो के अनुसार, साइन करने वालों ने कहा, "२०० से अधिक मजारों को ध्वस्त करना, अनगिनत लोगों को धर्म से भटकने वाला, काफ़िर या ईशनिंदा करने वाला बताना, लाशों को निकालकर जलाना, बाउल और फकीरों के उलझे हुए बाल जबरदस्ती काटना, महिलाओं को उनके आने-जाने या कपड़ों के लिए परेशान करना, संगीत, नृत्य और नाटक के शो में रुकावट डालना और यहां तक कि खेल और मेलों में भी बाधा डालना। यह सब दर्शाता है कि भिन्न विचार या जीवनशैली रखने वालों को समाप्त करना उनका उद्देश्य बन गया है।"

इन हिंसक घटनाओं को रोकने में असफल रहने के लिए मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए, लोगों ने कहा कि इन हमलों के पीछे 'ईशनिंदा' के आरोपों को लगातार मुख्य हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है।

बयान में स्पष्ट किया गया, "डेढ़ साल के बाद भी सरकार के बर्ताव से लगता है कि अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए धार्मिक फासीवाद को चुपचाप सहन किया जा रहा है। इससे लोकतंत्र के समर्थक नागरिकों की निराशा बढ़ रही है और हारी हुई फासीवादी ताकतों की वापसी का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। इससे बांग्लादेश को वैश्विक मंच पर एक संभावित धार्मिक कट्टरपंथी देश के रूप में प्रदर्शित किए जाने के अवसर भी मिल रहे हैं।"

लोगों ने अबुल सरकार की गिरफ्तारी की भी निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।

बयान जारी करने वालों में बांग्लादेश में शिक्षक, लेखक, शोधकर्ता, कलाकार, पत्रकार, मानवाधिकार रक्षक, सांस्कृतिक कार्यकर्ता और बाउल अनुयाई शामिल थे।

बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा, बढ़ती भीड़ की हिंसा और राजनीतिक विरोधियों की अंधाधुंध गिरफ्तारियां देखी गई हैं। इससे दुनिया भर के लोगों और कई मानवाधिकार संगठनों में गुस्सा है।

Point of View

NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में ईशनिंदा के आरोपों पर क्या स्थिति है?
बांग्लादेश में ईशनिंदा के आरोपों के तहत हिंसा बढ़ रही है, जिसमें नागरिकों ने इस पर रोक लगाने की मांग की है।
अबुल सरकार की गिरफ्तारी का क्या कारण है?
अबुल सरकार की गिरफ्तारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में हुई है।
सरकार ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
सरकार की कार्रवाई में देरी और धार्मिक कट्टरता के प्रति सहिष्णुता की आलोचना की जा रही है।
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