क्या मनरेगा कर्मकारों को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं का लाभ मिलेगा?

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क्या मनरेगा कर्मकारों को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं का लाभ मिलेगा?

सारांश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मनरेगा कर्मकारों के पंजीकरण की शुरुआत की है। इस योजना के तहत श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलेगा। यह सरकार का प्रयास है कि अंतिम व्यक्ति के विकास को प्राथमिकता दी जाए।

Key Takeaways

  • मनरेगा कर्मकारों के लिए पंजीकरण की शुरुआत।
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ।
  • सरकार का अंतिम व्यक्ति के विकास पर ध्यान।
  • खनन क्षेत्र में सुधारों से राजस्व में वृद्धि।
  • उद्योगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा।

देहरादून, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड में मनरेगा कर्मकारों के पंजीकरण की शुरुआत की। इस अवसर पर, सीएम धामी ने कहा कि सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास को प्राथमिकता दे रही है।

सीएम धामी ने सीएम कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में ऑनलाइन पंजीकरण की शुरुआत करते हुए बताया कि इस पंजीकरण के माध्यम से मनरेगा श्रमिकों को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड की सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत 16.3 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें से 9.5 लाख श्रमिक सक्रिय हैं। इनमें से जो श्रमिक साल भर में न्यूनतम 90 दिन कार्य करते हैं, वे अब उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। वर्तमान में बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 5.35 लाख है। मनरेगा श्रमिकों के इस योजना में शामिल होने से लाखों अन्य श्रमिकों को भी लाभ मिलेगा।

सीएम धामी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में श्रमिकों का कल्याण हो, साथ ही उद्योगों और निवेशकों को भी प्रोत्साहन मिले। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक वातावरण निर्मित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है, पहले खनन को लेकर नकारात्मक धारणा थी, लेकिन सरकार ने पारदर्शी नीतियों से इसे बदलने का प्रयास किया है।

उन्होंने बताया कि इसी कारण से पहले खनन से प्राप्त राजस्व 400 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1200 करोड़ रुपये हो गया है। खनन क्षेत्र में किए गए सुधारों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य को 200 करोड़ रुपये की सहायता भी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर विशेष जोर दिया है। इसी क्रम में सरकार उद्योगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही है।

इस अवसर पर सचिव श्रीधर बाबू अदांकी ने बताया कि श्रम विभाग और ग्राम्य विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से इस योजना को संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार श्रमिकों का पंजीकरण अब ऑनलाइन पोर्टल पर किया जा रहा है। विकास खंड स्तर पर मनरेगा श्रमिकों का पंजीकरण किया जाएगा। श्रमायुक्त पीसी दुम्का ने कहा कि अब मनरेगा श्रमिक, बोर्ड में पंजीकृत अन्य श्रमिकों की तरह स्वास्थ्य सहायता, दो बच्चों की शिक्षा, दो बेटियों की शादी और श्रमिक की मृत्यु पर मिलने वाली सहायता सहित अन्य योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। इस अवसर पर आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Point of View

NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

मनरेगा कर्मकारों के लिए पंजीकरण कब शुरू हुआ?
पंजीकरण 25 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू किया गया।
इस योजना का लाभ कौन ले सकता है?
वह श्रमिक जो वर्ष में न्यूनतम 90 दिन काम करते हैं, वे इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
सरकार का इस योजना का उद्देश्य क्या है?
सरकार का उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास को प्राथमिकता देना है।
क्या इस योजना से अन्य श्रमिकों को भी लाभ मिलेगा?
हां, मनरेगा श्रमिकों के योजना में शामिल होने से लाखों अन्य श्रमिकों को भी लाभ होगा।
खनन क्षेत्र में सुधारों का क्या असर पड़ा है?
खनन क्षेत्र में सुधारों से राजस्व में वृद्धि हुई है, जो 400 करोड़ रुपये से बढ़कर 1200 करोड़ रुपये हो गया है।
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