क्या बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण हैं? अवामी लीग ने प्रदर्शन शुरू किया, यूनुस से इस्तीफे की मांग की
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में चुनावी माहौल तनावपूर्ण है।
- अवामी लीग ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
- यूनुस की सरकार पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।
- बांग्लादेश के भविष्य पर अनिश्चितता छाई हुई है।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में जैसे-जैसे चुनाव की प्रक्रिया नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे हालात और खराब होते जा रहे हैं। यूनुस की सरकार के गठन के बाद से देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। रोज़ नई-नई जगहों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। इस स्थिति के बीच, अवामी लीग ने देशभर में विरोध मार्च का ऐलान किया है।
हाल ही में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने पूर्व पीएम शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद, हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 30 नवंबर तक देशभर में आंदोलन और प्रतिरोध मार्च करने का ऐलान किया है।
ज्ञात हो कि आईसीटी ने हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को उनकी अनुपस्थिति में मानवता के खिलाफ अपराध के लिए मौत की सजा दी थी।
अवामी लीग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, "ट्रिब्यूनल का निर्णय मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, ताकि हसीना और उनकी पार्टी को अगले साल फरवरी में होने वाले चुनावों से बाहर रखा जा सके।" अवामी पार्टी ने यूनुस की सरकार से इस्तीफे की मांग की और 30 नवंबर तक सभी जिलों और उपजिलों में विरोध प्रदर्शन और प्रतिरोध मार्च करने का ऐलान किया।
अवामी लीग ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी सरकार के खिलाफ साजिशों का मुकाबला करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं, नेताओं और हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है।
पार्टी ने कहा, “बांग्लादेश में बनावटी चुनाव की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसका किसी भी कीमत पर विरोध किया जाएगा, और जल्द ही देश भर में एक कड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।”
गौरतलब है कि आगामी बांग्लादेश चुनाव के लिए अवामी पार्टी पर बैन लगा दिया गया है। इसको लेकर हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने पहले ही कहा था कि यदि उनकी पार्टी पर लगा बैन नहीं हटाया गया, तो बांग्लादेश में 2026 में होने वाले चुनाव को अवामी लीग ब्लॉक कर देगी। यदि ऐसा हुआ, तो बांग्लादेश में स्थिति और भी खराब हो सकती है।
यूनुस की वापसी के बाद से बांग्लादेश में आईएसआई और पाकिस्तान की गतिविधियां काफी सक्रिय हो चुकी हैं। ईरान के तर्ज पर यूनुस सरकार आईआरए बनाने की तैयारी में आईएसआई के साथ मिलकर काम कर रही है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो बांग्लादेश में अराजकता और भयावह हो सकती है।