क्या यूनुस की नीतियों से बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में चुनौतियाँ बढ़ रही हैं?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश की नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए नए रास्ते खोजने होंगे।
- बड़े व्यापारिक साझेदारों के साथ संबंधों को मजबूत करना जरूरी है।
- यूरोपीय संघ के साथ वादों का पालन करना आवश्यक है।
- कम विकसित देश का दर्जा बचाना चाहिए।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस की नीतियों में हुई गलतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार में देश के लिए चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं और कई बड़े देश बांग्लादेश को दरकिनार करने लगे हैं। यह जानकारी ढाका के अखबार डेली सन की ओर से एक लेख में दी गई।
लेख में बताया गया कि बांग्लादेश अपने कम विकसित देश (एलडीसी) की श्रेणी को खो रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में गरीब देशों को मिलने वाले लाभ से बांग्लादेश वंचित हो जाएगा।
बांग्लादेश के विशेषज्ञों का कहना है कि प्रारंभ में ऐसा प्रतीत होता था कि बांग्लादेश अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार चीन के साथ संबंध मजबूत कर रहा है, लेकिन अमेरिका के साथ हुए व्यापारिक समझौते के बाद चीन सतर्क हो गया है।
हालांकि, चीन ने बांग्लादेश के एलडीसी दर्जे से बाहर आने के बाद टैरिफ लाभ जारी रखने का वादा किया है, लेकिन उसने लिखित गारंटी नहीं दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बांग्लादेश अपने दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार भारत के साथ भी अच्छे संबंध बनाने में असफल रहा है।
यूनुस के शासन में कुछ विशिष्ट वस्तुओं के व्यापार को लेकर मतभेद के कारण बांग्लादेश और भारत के संबंधों में कड़वाहट आई है।
इसके परिणामस्वरूप, बांग्लादेश को अब चावल जैसे आवश्यक आयातों के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है, जिन्हें वह पहले भारत से प्राप्त करता था, लेकिन अब उसे यह उत्पाद सिंगापुर से खरीदना पड़ रहा है।
बांग्लादेश को जापान के साथ भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि टोक्यो अमेरिका को दी गई समान व्यापार रियायतों की मांग कर रहा है, जिससे संभावित आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करना मुश्किल हो रहा है। जापान अमेरिकी समझौते का उदाहरण देते हुए वाहनों पर उच्च आयात शुल्क में कमी की मांग कर रहा है।
लेख में आगे कहा गया है कि बांग्लादेश के सबसे सुरक्षित व्यापार साझेदार, यूरोपीय संघ (ईयू) ने भी चिंता व्यक्त की है। अमेरिका के साथ पारस्परिक व्यापार समझौते के तहत शुल्क लाभ प्राप्त करने के लिए, बांग्लादेश ने बोइंग विमान की बड़ी खरीद और एलएनजी सहित आयात जैसे वादे किए हैं।
इस कदम ने यूरोप का दबाव बढ़ा दिया है, क्योंकि बांग्लादेश ने पहले फ्रांस से 10 एयरबस विमान खरीदने का वादा किया था।
अब यूरोपीय संघ का कहना है कि बांग्लादेश अपने पिछले वादे को पूरा करे और चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर एलडीसी के बाद जीएसपी प्लस विशेषाधिकार प्रभावित हो सकते हैं। जर्मनी के राजदूत ने भी हाल ही में एक कार्यक्रम में एक अप्रत्यक्ष चेतावनी जारी की थी।
लेख में बांग्लादेश इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज (बीआईडीएस) के पूर्व महानिदेशक एमके मुजेरी के हवाले से कहा गया है कि अंतरिम सरकार ने कई गलत फैसले लिए हैं जिनसे न केवल व्यापार को खतरा पैदा हुआ है, बल्कि अगली निर्वाचित सरकार पर भी बोझ पड़ सकता है।
बांग्लादेश बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, "अमेरिका के साथ बनी सहमति लंबी अवधि में बांग्लादेश के व्यापार को प्रभावित करेगी। अन्य देश भी अब इसी तरह के लाभ प्राप्त करने के लिए शर्तें लगा सकते हैं। बांग्लादेश की अधिकांश निर्यात आय यूरोप से आती है।"