क्या बांग्लादेश में महिला हिंसा में बढ़ोतरी चिंताजनक है? 9 महीने में 663 रेप केस दर्ज

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क्या बांग्लादेश में महिला हिंसा में बढ़ोतरी चिंताजनक है? 9 महीने में 663 रेप केस दर्ज

सारांश

बांग्लादेश में महिला हिंसा की स्थिति गंभीर हो चुकी है। नौ महीनों में 663 रेप केस, चिंता का विषय है। क्या यह हमारी समाज की पुरुष प्रधानता का संकेत है? जानिए इस रिपोर्ट में और भी च shocking आंकड़े।

Key Takeaways

  • महिला हिंसा में अभूतपूर्व वृद्धि
  • 663 बलात्कार के मामले केवल एक हिस्सा
  • कानून-व्यवस्था में खामियाँ
  • अपराधियों में डर की कमी
  • महिला अधिकारों की अनदेखी

ढाका, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के अवसर पर बांग्लादेश की भयावह स्थिति को दर्शाती रिपोर्ट सामने आई है। स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया है। बताया गया है कि 2025 के पहले नौ महीनों में 663 महिलाओं का बलात्कार हुआ।

हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।

ढाका के ह्यूमन राइट्स सपोर्ट सोसाइटी (एचआरएसएस) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें महिला हिंसा की गंभीर तस्वीर पेश की गई है। यह बताया गया है कि कैसे कानून-व्यवस्था का गलत इस्तेमाल कर महिला अत्याचार में वृद्धि हो रही है। मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार महिला अधिकारों को संरक्षित करने में असफल रही है।

ढाका ट्रिब्यून से बात करते हुए सुल्ताना कमाल ने कहा कि बताई गई संख्या देश भर में हो रही बड़े पैमाने पर हिंसा का केवल एक हिस्सा है।

उन्होंने कहा, "हमें बलात्कार और ज्यादती का पता तब ही चलता है जब वो मीडिया तक पहुंचती है, अक्सर तब जब कोई हत्या होती है या फिर कोई जघन्य अपराध होता है। कई मामले हैं जो सामने नहीं आ पाते। जो हम देख रहे हैं वो काफी भयानक है।"

सुल्ताना मानती हैं कि रेप और यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामले इस बात का संकेत हैं कि महिला अधिकारों और उनके सम्मान को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, "एक आजाद देश जहां सबको अपने इतिहास और संस्कृति पर गर्व है, वहां मात्र नौ महीनों में 600 से ज्यादा महिलाओं का बलात्कार होना शर्मनाक है। यह बताता है कि हमारा परिवार, समाज और पूरा देश महिलाओं को कितनी अनदेखी कर रहा है।"

सुल्ताना के अनुसार अपराधी बेखौफ हैं; उन्हें अपराध के बाद दोषी ठहराए जाने का कोई डर नहीं है। सजा से बच जाने का भरोसा उन्हें हिम्मत दे रहा है। उन्होंने कहा, "पहले, अपराधियों के अंदर खौफ था। उन्हें लगता था कि अगर ऐसे अपराध किए तो सजा निश्चित होगी, लेकिन अब वे इस डर से मुक्त हैं। जब महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब हिंसा जारी रहती है। यह महिला के सम्मान और उसकी पवित्रता पर सीधा हमला है।"

इसके अलावा, बांग्लादेश महिला परिषद की अध्यक्ष फवजिया मोस्लेम ने भी माना कि लड़कियों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि बहुत चिंताजनक है।

उन्होंने कहा, "कई महीनों में, लड़कियों पर ज्यादती बढ़ी है। इससे पता चलता है कि हालात कितने बदतर हैं। कानून-व्यवस्था इतनी तेजी से बिगड़ गई है कि महिला विरोधी सोच आम हो गई है।"

महिला नेताओं पर हमलों से लेकर आम लोगों पर हमलों तक की घटनाओं को उजागर करते हुए, फवजिया ने युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की कार्रवाई न करने के लिए आलोचना की और कहा कि इससे देश में "महिला विरोधी ताकतों और आतंकियों" को हिम्मत मिली है।

उन्होंने कहा, "पिछले 10 महीनों में महिला विरोधी दुष्प्रचार बहुत बढ़ गया है। समाज, शिक्षा और सांस्कृतिक तरीकों में बदलाव लाना होगा। नहीं तो, इन अपराधों को रोकना बहुत मुश्किल होगा।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की समस्या न केवल गंभीर है, बल्कि यह हमारी सामाजिक संरचना की कमजोरी को भी उजागर करती है। हमें इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में महिला हिंसा के खिलाफ क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन प्रभावी कार्यान्वयन की कमी है।
क्या महिलाएं इस समस्या के खिलाफ आवाज उठा रही हैं?
हाँ, कई महिला संगठन और नेता इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
इस स्थिति को सुधारने के लिए क्या किया जा सकता है?
सामाजिक जागरूकता, सख्त कानून और शिक्षा के माध्यम से बदलाव लाना आवश्यक है।
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