क्या बांग्लादेश में युनूस सरकार का दमन जारी है? पूर्व चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अव्वल गिरफ्तार

Click to start listening
क्या बांग्लादेश में युनूस सरकार का दमन जारी है? पूर्व चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अव्वल गिरफ्तार

सारांश

बांग्लादेश में युनूस सरकार के दमनकारी रवैये की एक और घटना में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अव्वल को गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा शिकायत के बाद हुई, जो चुनावी अनियमितताओं पर आधारित थी। इस घटनाक्रम के पीछे की राजनीतिक स्थिति और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गौर करें।

Key Takeaways

  • काजी हबीबुल अव्वल की गिरफ्तारी ने राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।
  • बीएनपी द्वारा चुनावी अनियमितताओं की शिकायतें गंभीर हैं।
  • मानवाधिकार संस्थाओं ने हालिया घटनाओं की कड़ी निंदा की है।
  • युनूस सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने के आरोप हैं।
  • सामाजिक न्याय की आवाज उठानी आवश्यक है।

ढाका, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की युनूस सरकार का दमनकारी रवैया जारी है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) काजी हबीबुल अव्वल को बुधवार को ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस ने गिरफ्तार किया। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने तीन राष्ट्रीय चुनावों में लापरवाही और अनुचित आचरण को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।

डीएमपी के डिप्टी कमिश्नर और प्रवक्ता तालेबुर रहमान ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की। बताया गया कि शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस थाने में बीएनपी द्वारा दायर मामले के आधार पर यह कार्रवाई की गई।

इससे दो दिन पहले बीएनपी ने 2014, 2018 और 2024 के आम चुनावों में कथित धांधली, पक्षपातपूर्ण व्यवहार और चुनावी अनियमितताओं के आरोप में 24 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों, आयुक्तों और अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

इससे पहले सोमवार को, पूर्व सीईसी और मुक्ति संग्राम सेनानी के.एम. नुरुल हुडा को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। रविवार को हुडा के साथ हुई भीड़ हिंसा की घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया। कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर उन्हें बाहर खींचा और जूते की माला पहनाकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। इसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

बांग्लादेश की दो प्रमुख मानवाधिकार संस्थाओं ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन और शर्मनाक बताया। ढाका की एक अदालत ने नुरुल हुडा को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड की मांग की थी।

इसी बीच 30 प्रतिष्ठित नागरिकों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा, "हुडा के साथ हुई भीड़ हिंसा के दोषियों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि हमलावरों के वीडियो और तस्वीरें सार्वजनिक हो चुकी हैं। अगर पिछले 8-10 महीनों से हो रही ऐसी घटनाओं में सख्त कानूनी कार्रवाई होती, तो शायद यह दोहराव नहीं होता।"

आवामी लीग ने भी इस घटना की आलोचना करते हुए कहा, "पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और नुरुल हुडा के साथ जो हुआ, वह बांग्लादेश की आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा है। उन्हें भीड़ हिंसा के ज़रिए अपमानित कर गिरफ्तार करना संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन है।"

पार्टी ने मौजूदा यूनुस अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार सत्ता से चिपकी हुई है और लोकतंत्र का गला घोंट रही है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में हो रही घटनाएँ लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर प्रश्न उठाती हैं। ऐसे समय में जब मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, हमें सच्चाई और न्याय की आवाज उठानी चाहिए। यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम एक निष्पक्ष और पारदर्शी लोकतंत्र की ओर बढ़ें।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

काजी हबीबुल अव्वल की गिरफ्तारी का कारण क्या है?
उनकी गिरफ्तारी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा तीन राष्ट्रीय चुनावों में लापरवाही और अनुचित आचरण की शिकायत के बाद हुई है।
क्या बांग्लादेश में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है?
हाँ, बांग्लादेश में हालिया घटनाएँ मानवाधिकारों का उल्लंघन दर्शाती हैं, जैसे कि पूर्व सीईसी के साथ हुई भीड़ हिंसा।
बांग्लादेश की वर्तमान सरकार पर क्या आरोप हैं?
आवामी लीग ने मौजूदा युनूस सरकार पर आरोप लगाया है कि यह लोकतंत्र का गला घोट रही है और सत्ता से चिपकी हुई है।