क्या भारत और अमेरिका ने जेडब्ल्यूजी की 21वीं बैठक में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की प्रतिबद्धता जताई?
सारांश
Key Takeaways
- आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा।
- अनमैन्ड एरियल व्हीकल और एआई के उपयोग पर चिंता।
- आतंकवाद के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता।
- कानून लागू करने और न्यायिक सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका के बीच काउंटर टेररिज्म (सीटी) पर इंडिया-अमेरिका जॉइंट वर्किंग ग्रुप (जेडब्ल्यूजी) की 21वीं बैठक और 7वां डेजिग्नेशन डायलॉग (सूचीकरण संवाद) का आयोजन हुआ। यह बैठक नई दिल्ली में 3 दिसंबर 2025 को आयोजित की गई थी।
विदेश मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (काउंटर टेररिज्म) डॉ. विनोद बहाडे ने किया, जबकि अमेरिका की ओर से यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट में काउंटर टेररिज्म ब्यूरो की वरिष्ठ अधिकारी सुश्री मोनिका जैकबसेन ने भाग लिया।
बैठक में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया, जो भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है। दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद समेत सभी प्रकार के आतंकवाद की खुलकर निंदा की।
उन्होंने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी), ड्रोन और एआई के बढ़ते उपयोग पर चिंता व्यक्त की। इस दौरान, उन्होंने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और 10 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के लाल किले के पास हुई हाल की भयानक घटना की कड़ी निंदा की। इसके साथ ही इस बात पर बल दिया गया कि आतंकवाद के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
दोनों पक्षों ने विभिन्न पुराने और नए खतरों की समीक्षा की, जैसे कि आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए तकनीक का गलत उपयोग, और आतंकवाद के वित्तपोषण के मुद्दे।
उन्होंने चुनौतियों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की, जिसमें प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, बेस्ट प्रैक्टिस का आदान-प्रदान, और निरंतर प्रयासों के जरिए जानकारी का साझा करना शामिल है।
भारत और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने कानून लागू करने और न्यायिक सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की, जिसमें जानकारी साझा करना और आपसी कानूनी मदद के अनुरोधों पर सहयोग शामिल है।
दोनों देशों का मानना है कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मिलकर निरंतर और बड़े पैमाने पर कार्रवाई की आवश्यकता है। दोनों पक्षों ने यूएन, क्वाड और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) सहित आतंकवाद के खिलाफ बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
इसके अलावा, दोनों पक्षों ने आईएसआईएस और अल-कायदा से जुड़े संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके सदस्यों पर वैश्विक संपत्ति फ्रीज, यात्रा प्रतिबंध और हथियारों का प्रतिबंध लगे।
काउंटर टेररिज्म के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बढ़ते सहयोग को दर्शाते हुए, भारतीय पक्ष ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), को फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन (एफटीओ) और स्पेशली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (एसडीजीटी) के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अमेरिका के विभाग का धन्यवाद किया।