क्या भारत जापानी कंपनियों के लिए निवेश का सबसे पसंदीदा स्थान बन चुका है? : सिबी जॉर्ज

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क्या भारत जापानी कंपनियों के लिए निवेश का सबसे पसंदीदा स्थान बन चुका है? : सिबी जॉर्ज

सारांश

जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने भारत और जापान के संबंधों के सहज एवं मजबूत होने के बारे में बताया। उन्होंने जापानी कंपनियों के भारत में निवेश के बढ़ते रुझान पर भी प्रकाश डाला। क्या भारत सच में जापानी निवेश का नया गंतव्य बन रहा है?

Key Takeaways

  • भारत और जापान के बीच संबंध गहरे और मजबूत हो रहे हैं।
  • भारत में 1,500 जापानी कंपनियां सक्रिय हैं।
  • जापानी कंपनियों के लिए भारत एक महत्वपूर्ण निवेश गंतव्य बन गया है।
  • 2023 का जी 20 शिखर सम्मेलन भारतीय कूटनीति की सफलता का प्रतीक है।
  • भारत और जापान के बीच घनिष्ठ सहयोग और समन्वय बढ़ रहा है।

टोक्यो, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने बताया कि भारत और जापान एक समान विचार वाले राष्ट्र हैं। इस कारण से, दोनों देशों के बीच का संबंध स्वाभाविक और सहज है। समय के साथ, इन दोनों देशों के संबंध और भी अधिक मजबूत होंगे।

राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में सिबी जॉर्ज ने कहा, "भारत और जापान के बीच 2014 के बाद से राजनीतिक, आर्थिक, तकनीकी, और विज्ञान के क्षेत्रों में लगातार सहयोग बढ़ता जा रहा है। हम इन सब क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को और भी मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं। भारत और जापान समान सोच वाले देश हैं। हमारा संबंध सहज है और इसकी कोई सीमा नहीं है। हम अपने संबंध को केवल टोक्यो तक सीमित नहीं रखना चाहते हैं। जापान सिर्फ टोक्यो नहीं है, बल्कि हम इस देश के अन्य हिस्सों में भी अपनी पहुंच बढ़ाने और आपसी संबंध को मजबूत करने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं। जापान भी इसी दिशा में प्रयासरत है।"

उन्होंने कहा, "भारत में लगभग 1,500 जापानी कंपनियां हैं, जिनमें से प्रत्येक एक सफलता की कहानी है। जेट्रो और जेपीईसी के हालिया सर्वेक्षणों से यह स्पष्ट होता है कि जापानी कंपनियां भारत को विस्तार के लिए अपना सबसे पसंदीदा स्थान मानती हैं।"

सिबी जॉर्ज ने आगे कहा, "पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने वैश्विक कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2023 में आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यह भारतीय कूटनीति के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। इस सम्मेलन के माध्यम से दुनिया ने नए भारत को देखा। दुनिया ने तब बदले हुए भारत को देखकर आश्चर्यचकित रह गई। उसी समय, जापान जी7 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा था। इस दौरान दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग और समन्वय देखने को मिला। हिरोशिमा शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा उल्लेखनीय थी। उस यात्रा के दौरान, हमने हिरोशिमा शांति पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया, जो अब हिरोशिमा में भारत की उपस्थिति का प्रतीक बन गई है।"

Point of View

भारत और जापान के संबंधों में निरंतरता और गहराई का होना एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग को भी बढ़ावा दे रहा है। भारत के लिए जापान एक महत्वपूर्ण साझेदार है, और यह संबंध दोनों देशों के हितों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत में जापानी कंपनियों की संख्या कितनी है?
भारत में लगभग 1,500 जापानी कंपनियां सक्रिय हैं।
भारत और जापान के संबंध कैसे हैं?
भारत और जापान के बीच के संबंध सहज और गहरे हैं, जो समय के साथ और मजबूत हो रहे हैं।
क्या जापानी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं?
जी हां, जापानी कंपनियां भारत को अपने विस्तार के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य मानती हैं।