क्या भारतीय हाई कमिश्नर ने साइप्रस के पर्यटन मंत्री से मुलाकात कर पर्यटन सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और साइप्रस के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी
- पर्यटन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहलों पर चर्चा
- सीधी उड़ान सेवाओं की संभावनाओं पर विचार
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता
- 2025 तक 'मोबिलिटी पायलट प्रोग्राम' की योजना
निकोसिया, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत और साइप्रस के बीच की रणनीतिक साझेदारी लगातार मज़बूत हो रही है। इसी प्रक्रिया में, भारत के हाई कमिश्नर (उच्चायुक्त) मनीष ने निकोसिया में साइप्रस के उप पर्यटन मंत्री कोस्टास कूमिस से बातचीत की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच पर्यटन सहयोग को और बढ़ावा देना था।
बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने विशेष पर्यटन पहलों के माध्यम से सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा की। इसके साथ ही, यह भी विचार किया गया कि दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए एयरलाइंस को किस प्रकार जोड़ा जा सकता है।
इस बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि दोनों देशों के बीच संपर्क को और गहरा किया जाएगा। सांस्कृतिक आदान-प्रदान और ऐतिहासिक विरासत के माध्यम से रिश्तों को और मज़बूत करने की दिशा में गंभीर चर्चा हुई।
भारत के साइप्रस स्थित उच्चायोग ने अपने एक्स पोस्ट में जानकारी दी, "उच्चायुक्त मनीष ने साइप्रस के उप पर्यटन मंत्री कोस्टास कूमिस से मुलाकात की और पर्यटन सहयोग को बढ़ाने के लिए विशेष पहलों पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू करने की संभावनाओं पर भी बातचीत हुई।"
पोस्ट में आगे कहा गया, "भारत और साइप्रस के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी के बीच, इस बैठक में द्विपक्षीय पर्यटन को बढ़ावा देने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और फिल्म निर्माण में संभावित सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में दोनों देशों के बीच लोगों के स्तर पर रिश्तों को मज़बूत करने, आपसी पहचान को बढ़ावा देने और ऐतिहासिक संवाद के माध्यम से रिश्तों को गहरा करने की प्रतिबद्धता दिखाई गई।"
जून महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस की यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडूलाइड्स से विस्तृत बातचीत की थी। इस बातचीत में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही, दोनों नेताओं ने पर्यटन बढ़ाने और भारत-साइप्रस के बीच सीधी हवाई सेवा की संभावनाओं पर भी बात की थी।
दोनों पक्षों ने सांस्कृतिक और जन-जन के संपर्क को बढ़ावा देने को महत्वपूर्ण महत्व दिया। साथ ही, 2025 के अंत तक 'मोबिलिटी पायलट प्रोग्राम अरेंजमेंट' को अंतिम रूप देने पर सहमति बनी।