क्या चीन और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- चीन और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच महत्वपूर्ण फोन वार्ता हुई।
- बातचीत में वैश्विक सुरक्षा और सहयोग पर चर्चा की गई।
- वांग यी ने ताइवान जैसे मुद्दों पर अमेरिका को सावधानी बरतने की सलाह दी।
- दोनों पक्षों ने सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- वार्ता से चीन-अमेरिका संबंधों में सुधार की संभावना है।
बीजिंग, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 10 सितंबर को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ फोन पर बातचीत की।
इस अवसर पर वांग यी ने बताया कि चीन और अमेरिका दो विशाल जहाजों की भांति हैं। किसी भी गतिरोध और ठहराव से बचने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के रणनीतिक मार्गदर्शन का मजबूती से पालन करना होगा, साथ ही दोनों राष्ट्रपति द्वारा किए गए महत्वपूर्ण समझौतों के कार्यान्वयन पर भी ध्यान देना आवश्यक है।
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में अमेरिका द्वारा दिए गए नकारात्मक बयानों और कार्यों ने चीन के कानूनी हितों को नुकसान पहुँचाया है और यह चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के समान है। यह चीन-अमेरिका संबंधों के सुधार और विकास के लिए फायदेमंद नहीं है। चीन इसका स्पष्ट रूप से विरोध करता है। विशेषकर ताइवान जैसे मुद्दों पर अमेरिका को अपने शब्दों और कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए।
वांग यी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, चीन और अमेरिका ने साम्राज्यवाद और फासीवाद के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी थी। नई पीढ़ी में, हमें विश्व शांति और समृद्धि के लिए सहयोग करना चाहिए ताकि सभी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में बड़ी शक्तियों की जिम्मेदारी निभाई जा सके।
दोनों पक्षों का मानना है कि यह फोन वार्ता समय की मांग है, जो आवश्यक और प्रभावी है। दोनों पक्षों को अपने सर्वोच्च नेताओं की कूटनीति का नेतृत्व करते हुए मतभेदों का उचित नियंत्रण और व्यावहारिक सहयोग पर चर्चा करनी चाहिए, ताकि चीन-अमेरिका संबंधों का निरंतर विकास हो सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)