क्या नव वर्ष में 'चीन के अवसर' हैं? यूएस-चाइना कोष के कार्यकारी अध्यक्ष जॉन मिलर-व्हाइट ने विचार साझा किया
सारांश
Key Takeaways
- चीन की आर्थिक नीतियों से आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसरों का सृजन होगा।
- हाइनान मुक्त व्यापार बंदरगाह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
- आधुनिक व्यापार के लिए 155 पायलट परियोजनाएं लागू की जाएंगी।
- स्थिरता और गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा।
बीजिंग, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के इस बढ़ते माहौल में, चीन द्वारा अपनाई गई अधिक सक्रिय और विवेकपूर्ण नीतियों से उसकी आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा और विश्व अर्थव्यवस्था के लिए प्रभावी मांग उत्पन्न होगी। यूएस-चाइना कोष के कार्यकारी अध्यक्ष जॉन मिलर-व्हाइट ने 10 से 11 दिसंबर तक पेइचिंग में आयोजित सीपीसी केंद्रीय समिति के केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन के संदर्भ में सीएमजी संवाददाता को दिए अपने विचार साझा किए।
वर्तमान में, व्यापार संरक्षणवाद और भू-राजनीतिक संघर्षों के बढ़ते माहौल में, दुनिया को विकास के लिए एक प्रेरित शक्ति की आवश्यकता है। चीन लंबे समय से वैश्विक आर्थिक विकास का एक स्टेबलाइजर बना हुआ है। विशेष रूप से, इस वर्ष चीनी अर्थव्यवस्था ने विभिन्न दबावों का सामना किया है, और इसके कुल आर्थिक उत्पादन का अनुमान लगभग 1400 खरब युआन तक पहुँचने का है, जो इसकी मजबूत लचीलापन को दर्शाता है। हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक सहित कई संस्थानों ने चीन के आर्थिक विकास के पूर्वानुमानों को बढ़ाया है। अगले वर्ष के लिए, दुनिया को चीन की आर्थिक योजनाओं से विश्वास और अवसर मिलने की संभावना है।
सार्वजनिक रूप से जारी जानकारी के अनुसार, इस केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन ने नई परिस्थितियों में आर्थिक कार्यों के लिए 'पांच अनिवार्यताओं' को रेखांकित किया। यह स्पष्ट किया गया कि अगले वर्ष के आर्थिक कार्यों में 'स्थिरता बनाए रखते हुए और गुणवत्ता एवं दक्षता में सुधार करते हुए प्रगति की तलाश' के सिद्धांत का पालन करना आवश्यक है। 'अधिक सक्रिय राजकोषीय नीति' और 'मध्यम रूप से लचीली मौद्रिक नीति' को लागू करना जारी रखना होगा, और 'आठ प्रमुख कार्यों' को निर्धारित किया गया है, जो एक स्पष्ट लक्ष्य-उन्मुख और समस्या-उन्मुख दृष्टिकोण को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस सम्मेलन ने वैश्विक निवेशकों को सकारात्मक संकेत दिया है।
आठ प्रमुख कार्यों में से, 'घरेलू मांग को मुख्य चालक मानते हुए एक मजबूत घरेलू बाजार का निर्माण' सर्वोपरि है। चीन का विशाल बाजार विश्व के लिए अपार अवसर प्रस्तुत करता है। वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर, चीन विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार, सबसे बड़ा ऑनलाइन खुदरा बाजार और दूसरा सबसे बड़ा आयात बाजार है। वर्तमान में, चीन की घरेलू उपभोग दर विकसित देशों से पीछे है, और सेवा उपभोग में वृद्धि की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस सम्मेलन में किए गए उपायों का उद्देश्य न केवल निवासियों की आय में वृद्धि करके घरेलू मांग के विस्तार को मजबूत करना है, बल्कि घरेलू मांग की क्षमता को उजागर करने के लिए आपूर्ति और मांग दोनों पर ध्यान केंद्रित करना भी है। इन सभी प्रयासों से दुनिया को दुर्लभ 'बाजार अवसर' प्राप्त होंगे।
साल 2025 में, चीन का संस्थागत खुलापन लगातार बढ़ता रहेगा, जिसमें सेवा क्षेत्र के और अधिक खुलेपन को बढ़ावा देने वाली 155 पायलट परियोजनाएं और 76 देशों के साथ एकतरफा वीज़ा-मुक्त या पूर्ण वीज़ा-मुक्त समझौतों का समावेश होगा। कुछ ही दिनों में, दक्षिण चीन के हाइनान प्रांत में हाइनान मुक्त व्यापार बंदरगाह (एफटीपी) विशेष सीमा शुल्क अभियान शुरू करने जा रहा है, जो चीन के उच्च स्तरीय खुलेपन में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा।
अगले वर्ष, अर्थात 2026 में, चीन संस्थागत खुलेपन को निरंतर आगे बढ़ाएगा, सेवा क्षेत्र के स्वायत्त खुलेपन का व्यवस्थित विस्तार करेगा, मुक्त व्यापार क्षेत्रों के लेआउट और दायरे को अनुकूलित करेगा, और हाइनान मुक्त व्यापार बंदरगाह के निर्माण को मजबूती से बढ़ावा देगा। इन कदमों से विश्व के लिए 'खुले अवसर' का निर्माण जारी रहेगा और पारस्परिक लाभ एवं उभय जीत के परिणाम प्राप्त होंगे।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)