क्या चीन ने विश्व समुदाय से एकतरफा प्रतिबंधों का सामूहिक विरोध करने का आह्वान किया?
सारांश
Key Takeaways
- चीन ने एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध किया।
- विकासशील देशों पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस मुद्दे पर 100 से अधिक प्रस्ताव पारित किए गए हैं।
- ग्लोबल साउथ के देशों की एकजुटता बढ़ रही है।
बीजिंग, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र में चीनी उपस्थायी प्रतिनिधि सुन लेई ने गुरुवार को पहले 'एकतरफा प्रतिबंध विरोधी अंतर्राष्ट्रीय दिवस' पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि इस समय एकतरफावाद तेजी से बढ़ रहा है और एकतरफा प्रतिबंध बड़े पैमाने पर लागू हो रहे हैं। चीन ने कुछ पश्चिमी देशों से न्याय की आवाज सुनने और तुरंत, बिना शर्त और पूरी तरह से एकतरफा प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया।
सुन लेई ने बताया कि एकतरफा प्रतिबंध संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन करते हैं, जीवन और विकास जैसे मौलिक मानवाधिकारों को कमजोर करते हैं, और 2030 सतत विकास एजेंडे के कार्यान्वयन में रुकावट डालते हैं। यह समस्या अभी भी प्रभावी ढंग से नियंत्रित नहीं हो पाई है, जिससे कई विकासशील देशों और उनके नागरिक प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर 'ग्लोबल साउथ' की दीर्घकालिक मांग रही है, और पिछले दशकों में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस विषय पर 100 से अधिक प्रस्ताव पारित किए हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर चीन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि वह 'एकतरफा प्रतिबंध विरोधी अंतर्राष्ट्रीय दिवस' को एक मौके के रूप में लेते हुए, वास्तविक बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय न्याय की रक्षा के लिए सामूहिक शक्ति संगठित करे।
सुन लेई ने यह भी कहा कि 'ग्लोबल साउथ' के एक महत्वपूर्ण सदस्य और एकतरफा प्रतिबंधों से प्रभावित देश के रूप में चीन अपनी वैश्विक शासन पहल के माध्यम से सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर एकतरफा प्रतिबंधों और सभी प्रकार के अधिपत्यवादी व उत्पीड़नकारी व्यवहार का विरोध करेगा। चीन संयुक्त राष्ट्र को केंद्र में रखकर बने अंतर्राष्ट्रीय तंत्र और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित विश्व व्यवस्था की रक्षा करना जारी रखेगा, ताकि वैश्विक शासन को अधिक न्यायसंगत एवं तर्कसंगत दिशा में आगे बढ़ाया जा सके और विश्व शांति व विकास के लिए और अधिक योगदान दिया जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)