क्या चीन में तूफान 'वुटिप' ने दूसरी बार दस्तक दी?

सारांश
Key Takeaways
- तूफान 'वुटिप' ने दूसरी बार दस्तक दी है।
- ग्वांगडोंग प्रांत में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।
- तूफान की गति 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे है।
- सीएमए के अनुसार, यह वर्ष का पहला तूफान है।
- चीनी सरकार ने सुरक्षा उपाय किए हैं।
ग्वांगझोउ, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रांतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष का पहला तूफान 'वुटिप' ने शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात 12:30 बजे दक्षिण चीन के ग्वांगडोंग प्रांत के लीजौ शहर के निकट दूसरी बार दस्तक दी है।
वुटिप अब एक भयंकर ट्रॉपिकल स्टॉर्म में परिवर्तित हो चुका है, जिसके केंद्र के पास हवा की अधिकतम गति 30 मीटर प्रति सेकंड और सेंट्रल मिनिमम प्रेशर 980 हेक्टोपास्कल है।
बता दें कि वुटिप ने शुक्रवार रात 11 बजे दक्षिण चीन के द्वीप प्रांत हैनान के डोंगफैंग शहर में भी दस्तक दी थी।
समाचार एजेंसी 'सिन्हुआ' के अनुसार, वुटिप तूफान की गति 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे की अनुमानित है, और यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है। यह तूफान ग्वांगडोंग और गुआंग्शी के बीच बॉर्डर क्षेत्र को प्रभावित करेगा। धीरे-धीरे इसकी तीव्रता कम होती जाएगी।
यह दक्षिण चीन के हैनान प्रांत में इस साल का पहला तूफान है, जिसके चलते हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
गुरुवार रात 8 बजे तक, प्रांत ने कंस्ट्रक्शन साइट, निचले बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों और बाढ़ के जोखिम वाले क्षेत्रों से कुल 16,561 लोगों को निकाला था।
प्रांत के मछली पकड़ने वाले सभी 30,721 जहाज या तो बंदरगाहों पर लौट आए हैं या किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर शरण ले चुके हैं। इसके साथ ही, पानी के इन जहाजों पर कार्यरत 40,000 से अधिक लोगों को किनारे पर लाया गया है।
चाइना मेटीरियोलॉजिकल एडमिनिस्ट्रेशन (सीएमए) के अनुसार, वुटिप इस वर्ष चीन में आने वाला पहला तूफान है, जो बुधवार को दक्षिण चीन सागर में विकसित हुआ।
हाल के वर्षों में, चीन ने मौसम की कई चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें भयंकर गर्मी, सूखा, भारी बारिश और बाढ़ शामिल हैं।
ग्रीनहाउस गैसों का सबसे बड़ा उत्सर्जक होने के नाते, चीन रिन्यूबल एनर्जी में भी अग्रणी है। देश ने 2060 तक 'शुद्ध-शून्य कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन' हासिल करने का संकल्प लिया है।
पिछले अगस्त में 'टाइफून गेमी' के कारण मूसलाधार बारिश आई थी, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 30 लोगों की मृत्यु हुई और कई अन्य लापता हो गए।