क्या अफगानिस्तान 2024-25 में दुनिया का सबसे खाद्य असुरक्षित देश बनेगा? एफएओ रिपोर्ट

Click to start listening
क्या अफगानिस्तान 2024-25 में दुनिया का सबसे खाद्य असुरक्षित देश बनेगा? एफएओ रिपोर्ट

सारांश

अफगानिस्तान ने दुनिया में खाद्य असुरक्षा की नई ऊंचाइयों को छू लिया है। क्या यह संकट और बढ़ेगा? जानें एफएओ की रिपोर्ट में क्या कहा गया है और इस संकट के पीछे के कारणों को समझें।

Key Takeaways

  • अफगानिस्तान दुनिया का सबसे खाद्य असुरक्षित देश है।
  • 75% आबादी आजीविका असुरक्षा का सामना कर रही है।
  • 1.2 करोड़ से अधिक लोगों को खाद्य सहायता की आवश्यकता है।
  • महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है।

काबुल, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान 2024 और 2025 में दुनिया का सबसे खाद्य असुरक्षित (फूड इनसिक्योर) देश बना हुआ है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की 75 प्रतिशत आबादी आजीविका असुरक्षा का सामना कर रही है और 1.2 करोड़ से अधिक लोग को तुरंत खाद्य सहायता की आवश्यकता है।

एफएओ की रिपोर्ट शुक्रवार को जारी हुई, जिसमें कहा गया कि दुनिया के 53 देशों में कुल 29.5 करोड़ लोग गंभीर भूख से जूझ रहे हैं, जो 2023 की तुलना में 1.3 करोड़ की वृद्धि है। अफगानिस्तान 2016 से ही एफएओ की 'क्रॉनिक हंगर लिस्ट' में है। इसमें कांगो, इथियोपिया, नाइजीरिया, सीरिया और यमन जैसे देश भी शामिल हैं, जो राजनीतिक अस्थिरता, मानवीय संकट और जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहे हैं।

अफगानिस्तान में गरीबी खाद्य संकट को बढ़ाने वाला प्रमुख कारण है। ईरान और पाकिस्तान से 16 लाख से अधिक प्रवासियों की वापसी, अंतरराष्ट्रीय सहायता में गिरावट और आर्थिक प्रतिबंधों ने करोड़ों अफगानों को गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिया है।

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि लगातार सूखा, बड़े पैमाने पर बेरोजगारी और क्षतिग्रस्त कृषि ढांचे ने देश की खाद्य उत्पादन क्षमता को बुरी तरह प्रभावित किया है। विशेषकर घोर और बदख्शां प्रांतों में फसलें तबाह हो गई हैं और पशुपालन प्रभावित हुआ है।

महिलाएं और बच्चे इस संकट में सबसे अधिक प्रभावित हैं। तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर लगाए गए प्रतिबंधों ने कई परिवारों की आय के स्रोत खत्म कर दिए हैं।

इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेतावनी दी है कि यदि मानवीय सहायता नहीं बढ़ाई गई तो भूख से होने वाली मौतों में भारी वृद्धि हो सकती है। एफएओ के अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान का खाद्य संकट संघर्ष, जलवायु आपदाओं और टूटती आजीविकाओं का खतरनाक मिश्रण दर्शाता है। राहत एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निरंतर सहायता की अपील की है और चेतावनी दी है कि यदि राहत कार्यों को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला, तो अफगानिस्तान दुनिया के सबसे बड़े भूख संकटों में बदल सकता है।

Point of View

हमें अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति की गंभीरता को समझना चाहिए। यह सिर्फ एक देश का मामला नहीं है, बल्कि यह वैश्विक समुदाय की जिम्मेदारी है कि वे इस संकट में मदद करें। हमें अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए और उनकी आवाज़ को सुनना चाहिए।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

अफगानिस्तान में खाद्य असुरक्षा का मुख्य कारण क्या है?
अफगानिस्तान में खाद्य असुरक्षा का मुख्य कारण गरीबी, राजनीतिक अस्थिरता, और जलवायु परिवर्तन है।
एफएओ की रिपोर्ट में कितने लोग भूख से प्रभावित हैं?
एफएओ की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 53 देशों में कुल 29.5 करोड़ लोग गंभीर भूख से जूझ रहे हैं।
महिलाएं और बच्चे इस संकट में कैसे प्रभावित हैं?
तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर लगाए गए प्रतिबंधों ने परिवारों की आय के स्रोत खत्म कर दिए हैं, जिससे महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र का इस मुद्दे पर क्या कहना है?
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यदि मानवीय सहायता नहीं बढ़ाई गई तो भूख से होने वाली मौतों में भारी वृद्धि हो सकती है।
इस संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को राहत कार्यों को पर्याप्त समर्थन प्रदान करना चाहिए ताकि अफगानिस्तान के खाद्य संकट को नियंत्रित किया जा सके।