क्या भास्कर प्लेटफॉर्म पर 'स्टार्टअप' कैटेगरी में पंजीकृत कंपनियों की संख्या 2 लाख के करीब है?

सारांश
Key Takeaways
- भास्कर प्लेटफॉर्म पर 1,97,932 कंपनियों का पंजीकरण।
- सरकार द्वारा स्टार्टअप्स के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के प्रयास।
- फंड ऑफ फंड्स योजना से स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता।
- 219 इनक्यूबेटरों को 945 करोड़ रुपए की स्वीकृति।
- स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत विभिन्न योजनाएं।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) भास्कर प्लेटफॉर्म पर (30 जून तक) 'स्टार्टअप' श्रेणी में 1,97,932 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं। यह जानकारी सरकार द्वारा साझा की गई।
भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (भास्कर) स्टार्टअप और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के बीच सहयोग को सक्षम बनाता है।
भास्कर वर्तमान में पायलट चरण में है, जिसमें मुख्य विशेषताओं का परीक्षण किया जा रहा है, जिनमें सहकर्मी से सहकर्मी संपर्क, साझेदारी और सहयोगात्मक जुड़ाव, पक्षकार श्रेणी के लिए विशिष्ट व्यक्तिगत पहचान का निर्माण और 'स्टार्टअप इंडिया' के तहत विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए माइक्रो-साइटों का एकीकरण शामिल हैं।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि सरकार छोटे और सूक्ष्म उद्यमों सहित प्रमुख उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं और अनुभव को समझने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भास्कर के लिए विभिन्न आउटरीच और जागरूकता उपाय कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "ऐसे उपायों में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तक विशिष्ट पहुंच, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों में सूचना सत्र और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचार-प्रसार शामिल है। ये कार्य राज्य स्टार्टअप नोडल एजेंसियों और अन्य पारिस्थितिकी तंत्र भागीदारों जैसे इनक्यूबेटर, एक्सेलरेटर, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के सहयोग से किए गए हैं।"
सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) योजना (30 जून तक) के तहत समर्थित 141 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) को 9,994 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता दी गई है, क्योंकि इसका उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत, सरकार तीन प्रमुख योजनाओं जैसे एफएफएस, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस), और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) को स्टार्टअप्स की व्यवसाय के विभिन्न चरणों में सहायता के लिए लागू कर रही है।
उद्यम पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए लघु उद्योग विकास बैंक (एफएफएस) की स्थापना की गई है और इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा किया जाता है, जो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत एआईएफ को पूंजी प्रदान करता है, जो बदले में स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं।
एसआईएसएफएस इनक्यूबेटरों के माध्यम से शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मंत्री ने बताया कि 219 चयनित इनक्यूबेटरों को (30 जून तक) 945 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं।
—राष्ट्र प्रेस
एबीएस/