क्या बांग्लादेश में अवामी लीग के एक और नेता समेत 7 अन्य को गिरफ्तार किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- सद्दाम हुसैन पावेल सहित 8 नेताओं की गिरफ्तारी ने बांग्लादेश में हड़कंप मचा दिया है।
- गिरफ्तारी का आरोप विध्वंसक गतिविधियों की योजना बनाने का है।
- यह गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का संकेत माना जा रहा है।
- पिछले महीने 1,593 नेताओं की गिरफ्तारी से स्थिति और गंभीर हो गई है।
- देश में न्याय व्यवस्था के पतन की चर्चा हो रही है।
ढाका, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश पुलिस ने अवामी लीग के पूर्व सांसद सद्दाम हुसैन पावेल को अन्य सात लोगों के साथ गिरफ्तार किया है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सभी पर "विध्वंसक गतिविधियों की योजना बनाने और इसके लिए फंडिंग करने" का आरोप लगाया गया है।
इसके अलावा, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की मीडिया शाखा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सद्दाम को गुरुवार रात राजधानी के मोहम्मदपुर क्षेत्र में छापेमारी के दौरान हिरासत में लिया गया।
सात अन्य को भी उसी रात ढाका में अलग-अलग छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया।
विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि गिरफ्तार सभी व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज किए गए हैं।
पुलिस ने जानकारी दी कि उन पर कानून-व्यवस्था को बाधित करने और राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में अचानक जुलूस निकालकर देश को "अस्थिर" करने का आरोप है।
बांग्लादेशी दैनिक द बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, ढाका की एक अदालत ने पिछले साल जुलाई में हुए प्रदर्शनों के दौरान हत्या के प्रयास के आरोप में सद्दाम को जेल भेज दिया है।
यह आदेश ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पार्थ भद्र ने शुक्रवार को पुलिस द्वारा सद्दाम को अदालत में पेश किए जाने के बाद जारी किया।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले महीने बांग्लादेश पुलिस ने एक राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत अवामी लीग के 1,593 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।
हाल ही में, अवामी लीग के मीडिया प्रकोष्ठ ने बताया कि यूनुस शासन के तहत देश में "फर्जी कानूनी मामलों, मॉब वाइलेंस और राजनीतिक प्रतिशोध" की प्रवृत्ति में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है।
लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में "फर्जी मामलों की सुनामी" के बीच "न्याय व्यवस्था के पतन" पर प्रकाश डाला गया है।
विश्लेषकों ने युनूस की इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध का नाम दिया है। अधिकांश का मानना है कि पूर्व पीएम खालिदा जिया की सरकार को गिराने के बाद से ही अवामी लीग को निशाने पर लिया जा रहा है। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कई मामले थोपे जा रहे हैं।