क्या ऑस्ट्रेलियाई एनर्जी मिनिस्टर क्रिस बोवेन भारत-चीन का दौरा करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- क्रिस बोवेन भारत की यात्रा पर आ रहे हैं।
- वे पहली नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी मंत्रियों की बैठक का आयोजन करेंगे।
- भारत ने अपनी कुल बिजली क्षमता का ५० प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न किया है।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी में व्यावहारिक सहयोग बढ़ेगा।
- क्रिस बोवेन चीन की भी यात्रा करेंगे।
कैनबरा, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन इस सप्ताह भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इस यात्रा के दौरान, वे पहली नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी मंत्रियों की बैठक का आयोजन करेंगे। इसके साथ ही, वे कई अन्य महत्वपूर्ण बैठकों में भी भाग लेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए बयान में कहा गया है, 'नई दिल्ली में, ऑस्ट्रलियाई मंत्री भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधियों के साथ अनेक बैठकें करेंगे। इनमें नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री शामिल होंगे। वे पहली नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी मंत्रियों की बैठक का आयोजन करेंगे।'
इसके अतिरिक्त, क्रिस बोवेन भारत के ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मिलेंगे, जो पाँचवीं भारत-ऑस्ट्रेलिया ऊर्जा वार्ता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
इससे पहले, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज ने नवंबर २०२४ में रियो डी जेनेरियो में होने वाले जी-२० शिखर सम्मेलन के दौरान दूसरे भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी (आरईपी) की शुरुआत का स्वागत किया। यह पहल सौर फोटोवोल्टिक (पीवी), हरित हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और संबंधित क्षेत्रों में दोतरफा निवेश को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इसके माध्यम से भविष्य के नवीकरणीय ऊर्जा कार्यबल के लिए उन्नत कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
भारत दौरे के बाद, क्रिस बोवेन चीन की यात्रा करेंगे। वहाँ वे बीजिंग में जलवायु परिवर्तन पर ९वीं ऑस्ट्रेलिया-चीन मंत्रिस्तरीय वार्ता में अपने चीनी समकक्ष, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री हुआंग रनकिउ से मिलेंगे।
भारत ने अपनी कुल बिजली क्षमता का ५० प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न कर महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, यह उपलब्धि स्वच्छ, हरित और अधिक लचीले ऊर्जा भविष्य के निर्माण के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि विकास समावेशी और टिकाऊ बना रहे।