क्या बांग्लादेश का नेशनल कंसेंसस कमीशन 'राष्ट्रीय संविधान परिषद' के गठन की योजना वापस ले रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- नेशनल कंसेंसस कमीशन ने संविधान परिषद के गठन का प्रस्ताव वापस लिया।
- नई समिति का प्रस्ताव राजनीतिक दलों की राय के आधार पर तैयार किया गया है।
- समिति में राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश शामिल नहीं होंगे।
- बीएनपी ने संविधान परिषद के विरोध में अपने विचार प्रस्तुत किए।
- अली रियाज ने राजनीतिक दलों से सहमति बनाने की अपील की।
ढाका, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के नेशनल कंसेंसस कमीशन (एनसीसी) ने बुधवार को राष्ट्रीय संविधान परिषद (एनसीसी) के गठन से संबंधित प्रस्ताव को वापस लेने का ऐलान किया। इसके बजाय, अब एक संवैधानिक एवं वैधानिक संस्थाओं के नियुक्ति समिति (सीएसआईएसी) के गठन का सुझाव दिया गया है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मिली है।
एनसीसी के उपाध्यक्ष अली रियाज ने यह जानकारी ढाका में फॉरेन सर्विस एकेडमी में राजनीतिक दलों के साथ हुई चर्चा के बाद दी। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों की राय को प्राथमिकता देते हुए एनसीसी ने संविधान परिषद के गठन का प्रस्ताव वापस लिया है।
रिपोर्टों के अनुसार, नई समिति में राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश शामिल नहीं होंगे। यह समिति सात सदस्यों की होगी और निचले सदन के अध्यक्ष (स्पीकर) समिति के अध्यक्ष होंगे।
इससे पहले, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने प्रस्तावित संविधान परिषद का कड़ा विरोध किया था। बीएनपी का कहना है कि यह परिषद कार्यपालिका के अधिकारों को कमजोर कर सकती है और जवाबदेही की कमी के कारण शक्ति का दुरुपयोग हो सकता है।
बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य सलाउद्दीन अहमद ने बताया, "अगर किसी संस्था को व्यापक संवैधानिक अधिकार दिए जाते हैं, लेकिन वह जवाबदेह नहीं होती, तो लोकतांत्रिक पार्टी होने के नाते हम उसका समर्थन नहीं कर सकते। ऐसी संस्था से सत्ता का संतुलन बिगड़ सकता है।"
दूसरी ओर, कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने संविधान परिषद का समर्थन किया, लेकिन राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश को परिषद से हटाने की सलाह दी। कुछ अन्य दलों ने भी इसके लिए वैकल्पिक नाम और संरचना सुझाई।
अली रियाज ने बुधवार को राजनीतिक दलों से लचीलापन दिखाने और सुधारों पर सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा, "कृपया विचार करें कि हम सब मिलकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए कैसे आगे बढ़ सकते हैं। मैंने पहले भी कहा है कि सभी को अपने-अपने पार्टी स्टैंड से समझौता करना होगा।"
इससे पहले इसी महीने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता में एनसीसी की बैठक हुई थी, जिसमें समय पर चुनाव कराने की "तत्काल आवश्यकता" पर सहमति बनी थी।