क्या बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी है, 'जुलाई चार्टर' की मांग?

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क्या बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी है, 'जुलाई चार्टर' की मांग?

सारांश

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में धरना प्रदर्शन जारी है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग 'जुलाई चार्टर' का तात्कालिक कार्यान्वयन है। विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच संवाद समाप्त हो गया है, लेकिन कई दलों ने चार्टर के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई है।

Key Takeaways

  • धरना प्रदर्शन ढाका के शाहबाग में जारी है।
  • यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
  • प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग 'जुलाई चार्टर' का कार्यान्वयन है।
  • राजनीतिक दलों के बीच संवाद जारी है।
  • कई दलों ने चार्टर के प्रावधानों पर आपत्ति जताई है।

ढाका, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के शाहबाग क्षेत्र में शुक्रवार को भी धरना प्रदर्शन जारी रहा, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ और आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह धरना गुरुवार सुबह से शुरू हुआ था और प्रदर्शनकारी लगातार "जुलाई चार्टर देना होगा" और "जुलाई लेकर टालमटोल नहीं चलेगा" जैसे नारे लगा रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 'जुलाई चार्टर' को तुरंत लागू किया जाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम सड़कों से नहीं हटेंगे।"

शाहबाग चौराहे पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के जमा होने के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया। एक स्थानीय यात्री ने बताया, "मैं सुबह आधिकारिक काम से जत्राबाड़ी गया था। फिर सोशल मीडिया से शाहबाग ब्लॉकेड की जानकारी मिली, तो मैं बस से बासाबो, कमलापुर और मालिबाग के रास्ते जाने लगा, लेकिन सड़कों पर हर जगह जाम था। करवान बाजार पहुंचने में ढाई घंटे लग गए, जो सामान्यत: सवा घंटे का सफर होता है।"

इस बीच, बांग्लादेश की राष्ट्रीय सहमति आयोग (एनसीसी) द्वारा गुरुवार को संवाद के दूसरे दौर का समापन किया गया। इसमें सात सुधार प्रस्तावों पर अधिकांश राजनीतिक दलों ने सहमति जताई, जिसमें कार्यवाहक सरकार प्रमुख की नियुक्ति, उच्च सदन का गठन और राष्ट्रपति के चुनाव जैसे मुद्दे शामिल हैं। हालांकि, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने इनमें से छह प्रस्तावों पर आपत्ति जताई।

एनसीसी के उपाध्यक्ष अली रियाज ने संवाद के समापन के बाद कहा, "हमारा लक्ष्य 31 जुलाई तक संवाद को पूरा करना था, जिसे हमने हासिल कर लिया है। अब हम जुलाई चार्टर का अंतिम मसौदा तैयार कर राजनीतिक दलों के साथ साझा करेंगे।"

हाल ही में, जमात-ए-इस्लामी, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) और इस्लामी आंदोलन जैसे कई दलों ने 'जुलाई चार्टर' के मसौदे पर आपत्तियां जताई हैं। खासकर चार्टर के उस प्रावधान का विरोध किया गया है जिसमें कहा गया है कि सरकार बनने के दो साल के भीतर सुधारों को लागू किया जाएगा। इन दलों की मांग है कि चार्टर को कानूनी रूप दिया जाए ताकि इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।

Point of View

लेकिन विभिन्न दलों की आपत्तियों ने स्थिति को जटिल बना दिया है। आम जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार और विपक्ष को मिलकर समाधान निकालने की आवश्यकता है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

धरना प्रदर्शन का कारण क्या है?
धरना प्रदर्शन 'जुलाई चार्टर' के तात्कालिक कार्यान्वयन की मांग को लेकर हो रहा है।
धरने से यातायात पर क्या असर पड़ा है?
धरने के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है और आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
जुलाई चार्टर में क्या शामिल है?
जुलाई चार्टर में राजनीतिक सुधारों, कार्यवाहक सरकार प्रमुख की नियुक्ति और राष्ट्रपति के चुनाव जैसे मुद्दे शामिल हैं।
कौन-कौन से दलों ने चार्टर पर आपत्ति जताई है?
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और अन्य दलों ने चार्टर के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई है।
एनसीसी का क्या कहना है?
एनसीसी ने बताया है कि उन्होंने संवाद का समापन कर लिया है और अब जुलाई चार्टर का अंतिम मसौदा तैयार करेंगे।