क्या बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी ने यूनुस सरकार के सलाहकारों पर पक्षपात का आरोप लगाया?

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क्या बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी ने यूनुस सरकार के सलाहकारों पर पक्षपात का आरोप लगाया?

सारांश

बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने यूनुस सरकार के सलाहकारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या यह आरोप बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेंगे? जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में।

Key Takeaways

  • जमात-ए-इस्लामी ने सलाहकारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • कार्यक्रम में कई इस्लामी दल शामिल हुए थे।
  • जनमत संग्रह और आनुपातिक प्रतिनिधित्व की मांग की गई।
  • स्थानीय प्रशासन की नियुक्तियों पर विवाद बढ़ रहा है।
  • बीएनपी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा गया।

ढाका, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने अंतरिम सरकार के कई सलाहकारों पर प्रशासन को "पक्षपातपूर्ण" बनाने की साजिश करने का आरोप लगाया है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, बुधवार को जमात नेता सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहिर ने ढाका में आयोजित एक कार्यक्रम में यूनुस सरकार पर तीखा प्रहार किया। इस कार्यक्रम में जमात, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश और पांच अन्य इस्लामी दलों ने भाग लिया।

द डेली स्टार के हवाले से ताहिर ने कहा, "हमारे पास उन सलाहकारों के नाम मौजूद हैं जो इस साजिश में शामिल हैं। हमारे पास उनकी आवाज की रिकॉर्डिंग भी है। हम यह सब अभी सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं क्योंकि हम उन्हें एक मौका देना चाहते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "प्रशासन में जो स्थिति है, उसे बदलना होगा। मैं आपको सुधार का एक मौका देना चाहता हूं। यदि आपने चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, तो हम नाम उजागर कर देंगे।"

इससे पहले मंगलवार को, इस्लामी नेताओं ने ढाका में जत्राबाड़ी से गबटोली तक एक मानव श्रृंखला बनाई, जिसमें आगामी चुनाव से पहले जनमत संग्रह, आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली और चार अन्य मांगें शामिल थीं।

बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय में एक सचिव की हालिया नियुक्ति पर ताहिर ने आलोचना करते हुए कहा, "भ्रष्टाचार का लंबा रिकॉर्ड रखने वाले व्यक्ति को नियुक्त किया गया है। वह एक खास पार्टी के प्रति पूरी तरह वफादार है।"

हालांकि, उन्होंने किसी विशेष पार्टी का नाम नहीं लिया और कहा, "हम देख सकते हैं कि चार से पांच सलाहकार एक खास पार्टी के पक्ष में सभी नियुक्तियों को नियंत्रित कर रहे हैं।"

जमात नेता ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, "कुछ लोग इसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं कि जनमत संग्रह और राष्ट्रीय चुनाव एक साथ होने चाहिए।"

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बीएनपी ने जमात के जनमत संग्रह की मांग पर संदेह जताते हुए इसे राष्ट्रीय चुनाव टालने की "मास्टर प्लान" का हिस्सा बताया।

Point of View

जहां विभिन्न दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहता है। जमात-ए-इस्लामी के आरोपों पर गहन विचार-विमर्श की आवश्यकता है, ताकि स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके। यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्षों को एक मंच पर लाया जाए और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन किया जाए।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

जमात-ए-इस्लामी ने किस पर आरोप लगाया है?
जमात-ए-इस्लामी ने यूनुस सरकार के कई सलाहकारों पर प्रशासन को पक्षपातपूर्ण बनाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
क्या जमात के पास सबूत हैं?
जमात नेता ने कहा है कि उनके पास उन सलाहकारों की आवाज की रिकॉर्डिंग है और उनके नाम भी हैं।
इसके पीछे का राजनीतिक उद्देश्य क्या है?
जमात का लक्ष्य आगामी चुनावों से पहले अपनी मांगों को जनमत के सामने लाना है।