क्या श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी की पहली भारत यात्रा महत्वपूर्ण होगी?

सारांश
Key Takeaways
- हरिनी अमरसूर्या का यह पहला आधिकारिक दौरा है।
- वे शिक्षा और नवाचार में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करेंगी।
- यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी।
- वे एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में मुख्य भाषण देंगी।
- दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने का एक कार्यक्रम भी होगा।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या गुरुवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आएंगी। यह यात्रा उनका पहला आधिकारिक दौरा है, जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बुधवार को दी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी। अमरसूर्या 16 से 18 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी। इस दौरान वह प्रमुख राजनीतिक नेताओं से मिलकर द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगी और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के अवसरों पर विचार करेंगी।
अपनी यात्रा के दौरान, श्रीलंकाई प्रधानमंत्री नई दिल्ली में एनडीटीवी और चिंतन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट' में मुख्य भाषण देंगी।
ज्ञात हो कि अमरसूर्या श्रीलंका में शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं। वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और नीति आयोग का दौरा करेंगी ताकि शिक्षा, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की जा सके।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज की पूर्व छात्रा होने के नाते, वह अपने संस्थान का भी दौरा करेंगी। कॉलेज की कार्यक्रम के अनुसार, दिन का कार्यक्रम दोपहर 12 बजे 16 एनसीसी कैडेटों द्वारा औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर से शुरू होगा। वह कॉलेज के लॉन में वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी शामिल होंगी। इसके बाद, ऑडिटोरियम में छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
इसके अतिरिक्त, श्रीलंकाई नेता दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक व्यापारिक कार्यक्रम में भाग लेंगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है और द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करती है। यह भारत के 'महासागर विजन' और 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत मित्रता के बंधन को मजबूत करेगी।"