क्या श्रीलंका की पीएम अमरसूर्या की पहली भारत यात्रा महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- हरिनी अमरसूर्या की भारत यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर है।
- एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में मुख्य भाषण देने वाली हैं।
- शिक्षा और नवाचार में सहयोग पर चर्चा की जाएगी।
- व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित होंगे।
- इस यात्रा से भारत-श्रीलंका की मित्रता को और मजबूती मिलेगी।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या गुरुवार को आधिकारिक रूप से भारत पहुंचीं। यह उनका भारत का पहला दौरा है, जो उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने पदभार ग्रहण करने के बाद किया है।
श्रीलंकाई पीएम अमरसूर्या 18 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी। इस दौरान वे प्रमुख राजनीतिक नेताओं से मिलकर द्विपक्षीय मुद्दों और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा करेंगी।
इस यात्रा के दौरान, वे नई दिल्ली में एनडीटीवी और चिंतन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट' में मुख्य भाषण देंगी।
यह ध्यान देने योग्य है कि पीएम अमरसूर्या शिक्षा विभाग की भी जिम्मेदारी संभालती हैं। इस कारण से, वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और नीति आयोग का दौरा कर शिक्षा, नवाचार और प्रौद्योगिकी में सहयोग की संभावनाओं पर विचार करेंगी।
अमरसूर्या दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज की पूर्व छात्रा भी हैं, और वे वहाँ भी जाएंगी। कॉलेज में उनके स्वागत के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। कार्यक्रम का आरम्भ 12 बजे 16 एनसीसी कैडेटों द्वारा औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ होगा। इसके बाद, कॉलेज के लॉन में वृक्षारोपण कार्यक्रम होगा। अंत में, छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
श्रीलंकाई नेता व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से एक व्यावसायिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है और द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करती है। यह भारत के 'महासागर विज़न' और 'पड़ोसी पहले' नीति से प्रेरित है।"