क्या भारत ने फिजी को एआरवी दवाएं भेजीं? सस्ता इलाज मुहैया कराने के लिए पीएम मोदी प्रतिबद्ध
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने फिजी को एआरवी दवाएं भेजी।
- पीएम मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का आश्वासन दिया।
- जन औषधि केंद्रों की स्थापना का समर्थन।
- फिजी में सस्ती दवाओं की उपलब्धता।
- द्विपक्षीय संबंधों में वृद्धि।
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने वैश्विक दक्षिण स्वास्थ्य साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए शनिवार को फिजी को एंटी-रेट्रो वायरल (एआरवी) दवाओं का एक महत्वपूर्ण सेट भेजा। इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने साझा की।
विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "फिजी के स्वास्थ्य कार्यक्रम में सहायता के लिए एंटी-रेट्रो वायरल दवाओं की एक खेप वहां भेज दी गई है। भारत फिजी की जन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया और मानवीय जरूरतों में सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।"
इससे पहले, 24 से 26 अगस्त तक भारत यात्रा के दौरान फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय मामलों के व्यापक दायरे और आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की थी। राबुका की यह पहली भारत यात्रा थी।
दोनों नेताओं ने संबंधों के विकास पर संतोष व्यक्त किया और रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में समावेशी और दूरदर्शी साझेदारी बनाने के अपने संकल्प की पुष्टि की।
प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2025 में भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का भी स्वागत किया, जिससे फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा और फिजी में गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा उत्पादों और सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी।
पीएम मोदी ने फिजी में कम लागत वाली जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्रों (पीपुल्स फार्मेसीज) की स्थापना के लिए भारत के समर्थन की भी पुष्टि की। इसका उद्देश्य कम कीमत में लोगों को दवाएं उपलब्ध कराना है।
पीएम मोदी ने कहा, "आज हमारी विस्तृत बातचीत में हमने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। हमारा मानना है कि एक स्वस्थ राष्ट्र ही समृद्ध राष्ट्र बन सकता है। इसलिए, हमने तय किया कि सुवा में 100 बिस्तरों वाला एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जाएगा। डायलिसिस यूनिट्स और समुद्री एम्बुलेंस भेजी जाएंगी। साथ ही, जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे ताकि सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां हर घर तक पहुंच सकें।"