क्या जापान में भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का शांति संदेश फैलाने के लिए 75 बार घंटी बजाई?

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क्या जापान में भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का <b>शांति संदेश</b> फैलाने के लिए 75 बार घंटी बजाई?

सारांश

जापान में भारतीय समुदाय ने हिरोशिमा और नागासाकी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की और प्रधानमंत्री मोदी की शांति पहल को सराहा। इस कार्यक्रम में 75 बार घंटी बजाकर शांति का संदेश फैलाया गया। यह आयोजन विश्व सेवा पखवाड़ा 2025 का हिस्सा था, जो शांति और मानवता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का शांति संदेश महत्वपूर्ण है।
  • हिरोशिमा और नागासाकी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी गई।
  • 75 बार घंटी बजाने का उद्देश्य शांति का प्रचार करना था।
  • भारतीय समुदाय ने एकजुटता का प्रतीक प्रस्तुत किया।
  • यह कार्यक्रम विश्व सेवा पखवाड़ा 2025 का हिस्सा था।

टोक्यो, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान में प्रवासी भारतीयों ने शनिवार को हिरोशिमा और नागासाकी बम विस्फोटों के पीड़ितों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 'विश्व सेवा पखवाड़ा 2025' का आयोजन किया। इस मौके पर भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्व शांति को बढ़ावा देने में भूमिका की सराहना की।

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) से लेकर महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 2 अक्टूबर तक चलने वाला 'सेवा पखवाड़ा' एक जनसेवा पहल है, जिसमें दुनिया भर में शांति और मानवता का संदेश फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

परमाणु बम विस्फोटों की 80वीं वर्षगांठ पर भारतीय अल्पसंख्यक संघ (आईएमएफ) ने प्रवासी भारतीयों और हिरोशिमा में बचे लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले जापानी एनजीओ के साथ मिलकर हिरोशिमा शांति स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक शांति और सद्भाव के दृष्टिकोण को फैलाने के लिए 75 बार शांति की घंटी भी बजाई। प्रतिभागियों ने युद्धों को समाप्त करने और संघर्षों के समाधान के लिए प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों की प्रशंसा की।

आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद और आईएमएफ संयोजक सतनाम सिंह संधू, सह-संस्थापक प्रो. हिमानी सूद एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता तोशिको तनाका शामिल थीं।

आईएमएफ प्रतिनिधियों और भारतीय समुदाय के सदस्यों ने हिरोशिमा शांति स्मारक (जिसे जेनबाकू डोम के नाम से जाना जाता है) के सामने एक मानव शृंखला भी बनाई। यह स्मारक 6 अगस्त 1945 को हुए पहले परमाणु बम विस्फोट में बची एकमात्र संरचना है।

भारतीय समुदाय का यह कार्यक्रम युद्ध और परमाणु हथियारों के खिलाफ वैश्विक आंदोलन के साथ एकजुटता का प्रतीक था। इस दौरान प्रवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी के मुखौटे पहने और उन्हें विश्व शांति का मसीहा बताया। जब लोगों ने भारतीय ध्वज लहराकर वंदे मातरम और माँ तुझे सलाम गाया, तो वातावरण देशभक्ति की भावना से भर गया। भारतीय समुदाय ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए।

सतनाम सिंह संधू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "वैश्विक संघर्षों के बीच प्रधानमंत्री मोदी मानवता के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक वैश्विक शांतिदूत की भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा विश्व शांति, एकता और सद्भाव का समर्थन किया है और उनका मानना है कि सभी को शांति और सद्भाव से रहना चाहिए और एक बेहतर और शांतिपूर्ण कल की ओर बढ़ना चाहिए।"

पाकिस्तान के गुजरात से एहसान वासी ने भी प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और शांति को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी शांति के लिए काम कर रहे हैं। भविष्य में हम इस शांति घंटी के माध्यम से एक शांतिपूर्ण विश्व की कल्पना करते हैं, जिसमें पूरी दुनिया एक मानचित्र पर दिखाई देगी और हम सब एक होंगे। मोदी जी का संदेश है कि दुनिया में युद्ध नहीं होना चाहिए। सभी मुद्दों का समाधान शांति, सौहार्द और प्रेम से होना चाहिए। मेरी ओर से मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"

प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी का वसुधैव कुटुम्बकम का दृष्टिकोण मानवता को राष्ट्रों, भाषाओं और विचारधाराओं की सीमाओं से परे एक परिवार के रूप में एक साथ प्रगति करने के लिए प्रेरित करता है।

-- राष्ट्र प्रेस

कनक/वीसी

Point of View

बल्कि यह विश्व शांति के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का यह प्रयास वैश्विक स्तर पर शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

हिरोशिमा में भारतीय समुदाय का यह कार्यक्रम क्यों आयोजित किया गया?
यह कार्यक्रम हिरोशिमा और नागासाकी बम विस्फोटों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने और विश्व शांति को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया।
विश्व सेवा पखवाड़ा 2025 का क्या महत्व है?
यह पहल शांति और मानवता के संदेश को फैलाने के लिए समर्पित है और प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है।
75 बार घंटी बजाने का क्या उद्देश्य था?
75 बार घंटी बजाना एक प्रतीकात्मक कार्य था, जो शांति की ओर बढ़ने की इच्छा और प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना को दर्शाता है।
इस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल था?
इसमें भारतीय अल्पसंख्यक संघ (आईएमएफ) के सदस्य, सांसद और शांति पुरस्कार विजेता शामिल थे।
प्रधानमंत्री मोदी का शांति संदेश क्या है?
उनका संदेश है कि दुनिया में युद्ध नहीं होना चाहिए और सभी मुद्दों का समाधान शांति, सौहार्द और प्रेम से होना चाहिए।