क्या कराची की यूनिट 412 भारतीयों को ट्रेस कर रही है?

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क्या कराची की यूनिट 412 भारतीयों को ट्रेस कर रही है?

सारांश

सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट से पाकिस्तान भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। कराची स्थित यूनिट 412 ने भारतीयों को ट्रेस करने के लिए फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने तक काम किया है। जानें इस जासूसी अभियान के पीछे के रहस्य और क्या है इसका उद्देश्य।

Key Takeaways

  • यूनिट 412 पाकिस्तान की एक जासूसी इकाई है जो भारत को निशाना बना रही है।
  • यह यूनिट सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स का उपयोग करती है।
  • भारतीय अधिकारियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचना चाहिए।
  • जासूसी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है।
  • आईएसआई इस यूनिट पर काफी धन खर्च कर रही है।

नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोशल मीडिया पर अनेक फर्जी अकाउंट के माध्यम से पाकिस्तान भारत को अस्थिर करने की हर संभव कोशिश कर रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत की गुप्त जानकारी निकालने का कार्य कराची स्थित यूनिट 412 को सौंपा है।

यूनिट 412 के सदस्यों ने भारत में कई संपर्क स्थापित किए हैं। इनमें से अधिकतर संपर्क राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पाए गए हैं।

पिछले कुछ महीनों में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार लोगों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है, जो यह संकेत देती है कि आईएसआई ने भारत में अपने जासूसी अभियान को बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर भी गतिविधियों में भारी वृद्धि हुई है।

राजस्थान पुलिस द्वारा हनीफ खान की गिरफ्तारी इस साल जैसलमेर में जासूसी से जुड़ी चौथी गिरफ्तारी है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी थी कि आईएसआई भारत के खिलाफ जासूसी और दुष्प्रचार युद्ध में अधिक शामिल होगी।

कराची स्थित यूनिट 412 वही यूनिट है जो हनी ट्रैप रैकेट चलाती है। खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि यह यूनिट अब अत्यधिक सक्रिय है और कई प्रकार के कार्य करती है। इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार युद्ध छेड़ने का कार्य सौंपा गया है। यह यूनिट सोशल मीडिया पर हजारों फर्जी अकाउंट्स को नियंत्रित करती है, जिनके माध्यम से भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाई जाती हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी सोशल मीडिया पर भारतीय सशस्त्र बलों को हुए नुकसान के बारे में झूठे दावों के साथ पोस्ट डाले गए थे। यह भारतीय सशस्त्र बलों की खराब छवि पेश करने की कोशिश थी। इसके जरिए पाकिस्तानी सेना ने अपने अपमान को छुपाने की कोशिश की थी।

इस यूनिट पर एक मोटी रकम खर्च की जाती है, जिसका उपयोग भारतीयों को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यूनिट 412 भारत के भीतर भी मॉड्यूल संचालित करती है।

इस यूनिट में हायर की गई कई महिलाओं के हिंदू नाम हैं। यूनिट आकर्षक महिलाओं को काम पर रखती है, जिनका काम अधिकारियों के साथ नजदीकी बढ़ाना और हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे संवेदनशील जानकारी निकलवाना है।

अधिकारियों का कहना है कि देश में काफी गंदगी फैली हुई है और इसे साफ करने की जरूरत है। पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत ज्यादा है और ऐसे समय में देश की संवेदनशील जानकारी का पाकिस्तान पहुंचना बेहद खतरनाक है। जासूसी के मामले में आम लोगों की गिरफ्तारी चिंता का विषय है, लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता इस बात की है कि आईएसआई सरकारी संगठनों में काम करने वाले लोगों को फंसा रही है।

इस साल 22 अप्रैल को सीआरपीएफ के एक सहायक उप-निरीक्षक को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसने पहलगाम के बारे में आतंकवादियों को कोई जानकारी दी थी। भारत में अधिकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आई 'फ्रेंड रिक्वेस्ट' पर ध्यान न देने की सलाह दी गई है।

हाल ही में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कई इन्फ्लुएंसर भी शामिल हैं। पाकिस्तान ऐसे लोगों से संपर्क साध रहा है, ताकि उनकी मदद से पाकिस्तान की अच्छी छवि पेश की जा सके। बाद में इस जानकारी का उपयोग भारत पर पाकिस्तान को बदनाम करने का आरोप लगाकर उसकी छवि खराब करने के लिए किया जाता है।

यूनिट 412 का काम करने का तरीका भी अलग है। यदि लगता है कि किसी अधिकारी या आम व्यक्ति से कोई गुप्त जानकारी मिल सकती है तो यूनिट अपनी महिला कर्मचारियों से सोशल मीडिया पर भड़काऊ तस्वीरें पोस्ट करने और ऐसे लोगों को तब तक फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के लिए कहती है, जब तक कि कम से कम एक रिक्वेस्ट स्वीकार न हो जाए।

शिकार फंसने के बाद यूनिट 412 की लड़कियां उस व्यक्ति से दोस्ती कर उनका विश्वास हासिल करती हैं और प्राप्त जानकारी अपने आका तक पहुंचा देती हैं।

भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर के बाद आईएसआई चाहती है कि उसके सभी आतंकवादी समूह एक ही जगह से काम करें। इन इकाइयों के बारे में भी ऐसा ही चलन देखा गया है। ऑपरेशन के बाद फरीदकोट से संचालित हनी ट्रैप मॉड्यूल को कराची शिफ्ट कर दिया गया है।

वर्तमान में, पाकिस्तान के सभी जासूसी अभियान कराची से ही चलाए जा रहे हैं। भारतीय एजेंसियों का अनुमान है कि आईएसआई 412 जैसी इकाइयों के संचालन पर प्रतिवर्ष लगभग 4000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस प्रकार के जासूसी अभियानों पर ध्यान दें। हमें अपने नागरिकों को जागरूक करना चाहिए ताकि ऐसे खतरों से बचा जा सके। इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता से विचार करना आवश्यक है।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

यूनिट 412 क्या है?
यूनिट 412 एक पाकिस्तानी खुफिया इकाई है जो भारत के खिलाफ जासूसी और दुष्प्रचार युद्ध में सक्रिय है।
आईएसआई का इस यूनिट में क्या रोल है?
आईएसआई इस यूनिट को भारत की गुप्त जानकारी निकालने के लिए संचालित करती है।
क्या हमें सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करना चाहिए?
नहीं, सावधान रहें। ये फ्रेंड रिक्वेस्ट जासूसी के लिए हो सकती हैं।
क्या ये गतिविधियाँ भारत के लिए खतरनाक हैं?
जी हाँ, ये गतिविधियाँ भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं।
क्या पकड़े गए जासूसों का कोई नेटवर्क है?
हाँ, पकड़े गए जासूस अक्सर एक नेटवर्क का हिस्सा होते हैं जो जासूसी के लिए संगठित होते हैं।