क्या कड़ी मेहनत और लगन की मिसाल बने राहुल देव और महेंद्र कपूर? जानें इन दो कलाकारों की अनकही कहानी

Click to start listening
क्या कड़ी मेहनत और लगन की मिसाल बने राहुल देव और महेंद्र कपूर? जानें इन दो कलाकारों की अनकही कहानी

सारांश

बॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकारों राहुल देव और महेंद्र कपूर की अनकही कहानी। संघर्ष और मेहनत की मिसाल, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में अद्वितीय पहचान बनाई। जानिए इनकी प्रेरणादायक यात्रा।

Key Takeaways

  • राहुल देव ने नकारात्मक भूमिकाओं से शुरुआत की।
  • महेंद्र कपूर ने संगीत प्रतियोगिता जीतकर पहचान बनाई।
  • दोनों ने संघर्ष के बाद सफलता पाई।
  • महेंद्र कपूर का निधन 2008 में हुआ।
  • दोनों की कहानियां प्रेरणादायक हैं।

मुंबई, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड में कई कलाकार ऐसे होते हैं, जो शुरुआती दौर में काफी संघर्ष करते हैं और फिर अपनी मेहनत और लगन से विशेष पहचान बनाते हैं। ऐसे ही दो प्रसिद्ध नाम हैं 'राहुल देव' और 'महेंद्र कपूर'... इन दोनों ने अपने-अपने क्षेत्र में कठिन परिश्रम से सफलता प्राप्त की, लेकिन उनकी शुरुआत एकदम भिन्न रही।

राहुल देव ने अभिनय की दुनिया में नकारात्मक भूमिकाओं से अपनी यात्रा शुरू की, जबकि महेंद्र कपूर ने संगीत की दुनिया में एक प्रतियोगिता जीतकर अपने भाग्य को आजमाया।

राहुल देव का जन्म 27 सितंबर 1968 को दिल्ली में हुआ था, जहाँ उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। उनके पिता एक असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस थे, जिन्होंने परिवार में अनुशासन का माहौल बनाए रखा। उनके दिवंगत भाई मुकुल देव भी बॉलीवुड के अभिनेता रहे। इसी माहौल में राहुल का अभिनय की ओर झुकाव बढ़ा। उन्होंने वर्ष 2000 में फिल्म 'चैंपियन' से बॉलीवुड में कदम रखा, जहाँ उन्होंने एक विलेन का किरदार निभाया, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण सफलता साबित हुई। इस नकारात्मक भूमिका ने उन्हें एक विशेष पहचान दिलाई और धीरे-धीरे वह बॉलीवुड के मशहूर विलेन कलाकारों में शामिल हो गए।

राहुल देव का करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी फिटनेस और अभिनय के लिए उन्हें प्रशंसा मिली। हालांकि, उनकी निजी जिंदगी में कई दुखद घटनाएं भी हुईं। उनकी पत्नी रीना देव का कैंसर के कारण 2009 में निधन हो गया, जिसने उन्हें काफी प्रभावित किया। इस कठिन समय में उन्होंने अपने बेटे की अकेले परवरिश की। बाद में उनकी मुलाकात मॉडल और अभिनेत्री मुग्धा गोडसे से हुई, जो उनसे 18 साल छोटी हैं। दोनों ने शादी नहीं की, लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप में एक मजबूत बंधन बनाया।

वहीं दूसरी ओर, महेंद्र कपूर का जन्म 9 जनवरी 1934 को पंजाब के अमृतसर में हुआ। कम उम्र में ही वह मुंबई आए, जहाँ उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की। उनके गुरु पंडित हुस्नलाल, पंडित जगन्नाथ, और उस्ताद नियाज अहमद खान जैसे नामी संगीतकार थे। महेंद्र कपूर ने अपनी कड़ी मेहनत से संगीत की दुनिया में कदम रखा। शुरूआत में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन 1950 के दशक में एक संगीत प्रतियोगिता जीतने के बाद उनकी किस्मत चमकी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में गाने गाए। उनकी आवाज़ में मोहम्मद रफी की छवि झलकती थी, जिन्हें वह अपना गुरु मानते थे।

महेंद्र कपूर ने विशेष रूप से देशभक्ति और रोमांटिक गीतों के लिए अपनी अलग पहचान बनाई। वे सुपरस्टार मनोज कुमार की आवाज़ के रूप में प्रसिद्ध हुए। उपकार, पूरब और पश्चिम, धूल का फूल, और गुमराह जैसी फिल्मों में उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। 'मेरे देश की धरती सोना उगले' जैसे गीतों ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया। उन्होंने लगभग 100 से ज्यादा गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते। उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड के अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। महेंद्र कपूर का करियर लगभग चार दशक तक चला और उन्होंने विभिन्न भाषाओं में भी गाने गाए।

दोनों कलाकारों की ज़िंदगी में संघर्ष और मेहनत की एक जैसी कहानी है। जहाँ राहुल देव ने अभिनय के क्षेत्र में नकारात्मक किरदारों से शुरुआत की, वहीं महेंद्र कपूर ने एक संगीत प्रतियोगिता जीतकर प्लेबैक सिंगर के रूप में अपनी पहचान बनाई। दोनों ने कभी हार नहीं मानी और लगातार अपने काम में सुधार करते रहे। महेंद्र कपूर का निधन 27 सितंबर 2008 को मुंबई में हुआ, लेकिन उनकी आवाज आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है।

Point of View

NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

राहुल देव की पहली फिल्म कौन सी थी?
राहुल देव की पहली फिल्म 'चैंपियन' थी, जिसमें उन्होंने नकारात्मक भूमिका निभाई थी।
महेंद्र कपूर का जन्म कब हुआ?
महेंद्र कपूर का जन्म 9 जनवरी 1934 को पंजाब के अमृतसर में हुआ।
महेंद्र कपूर को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
महेंद्र कपूर को फिल्मफेयर अवार्ड और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।