क्या ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने इजरायल को दंडित करने की कसम खाई?

सारांश
Key Takeaways
- खामेनेई ने इजरायल को सजा देने की कसम खाई।
- ईरान में हाल के हमलों में बड़ी संख्या में लोग मारे गए।
- अमेरिका ने ईरान पर बमबारी की।
- इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है।
- मध्य पूर्व में तनाव बढ़ रहा है।
तेहरान, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमलों के प्रति अपनी पहली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इन हमलों को “एक बड़ा अपराध” कहा और स्पष्ट किया कि इजरायल को दी जा रही सजा जारी रहेगी। हाल ही में हुए हमलों के बाद खामेनेई ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सजा जारी है। यहूदी दुश्मन ने बहुत बड़ी गलती की है, एक बड़ा जुर्म किया है। उसे सजा मिलनी चाहिए और मिल रही है। अभी इस वक्त ही सजा दी जा रही है।”
लगभग 10 दिन से इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है। 13 जून को ईरान में परमाणु और सैन्य स्थलों समेत कई ठिकानों पर इजरायली हमले हुए, जिनमें कई वरिष्ठ कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार तक ईरान में 400 से अधिक लोग मारे गए और 3500 से अधिक घायल हुए। उस समय ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमलों से जवाबी कार्रवाई की। इजरायल में अधिकारियों ने 24 लोगों की मौत की सूचना दी।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए के अनुसार, रविवार देर रात एस्फाहान प्रांत में इजरायल के ड्रोन हमले में एक एम्बुलेंस को निशाना बनाया गया, जिसमें तीन लोग मारे गए। नजाफाबाद काउंटी के गवर्नर हमीदरेजा मोहम्मदी फेशारकी ने बताया कि ये एम्बुलेंस एक मरीज को लेकर जा रही थी। हमले में ड्राइवर, मरीज और उसके साथ मौजूद व्यक्ति की मौत हो गई।
इसी बीच, रविवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा कि इजरायल अपने अभियान को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि ईरान और गाजा दोनों में पूरी ताकत से इजरायल अपना काम करना जारी रखेगा। नेतन्याहू ने कहा, “हम अपने लक्ष्य हासिल करने से पहले इस ऐतिहासिक अभियान को नहीं रोकेंगे।”
दूसरी ओर, अमेरिका की एंट्री से मिडिल ईस्ट में स्थितियों में तेजी से बदलाव आ रहा है। रविवार (भारतीय समयानुसार) को अमेरिका ने ईरान के खिलाफ “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” चलाया। इसमें बी2 स्टील्थ बॉम्बर के जरिए अमेरिका ने ईरान के कुछ इलाकों में बम बरसाए। एस्फाहान, फोर्डो और नतांज के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया।