क्या पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को झटका दिया? ईरान मुद्दे पर चीन-रूस के साथ दिखाई एकजुटता

सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान ने ईरान मुद्दे पर अमेरिका के खिलाफ चीन और रूस का समर्थन किया।
- डोनाल्ड ट्रंप और आसिम मुनीर की मुलाकात से नज़दीकियों की अटकलें बढ़ी।
- संरक्षण परिषद में ईरान के खिलाफ हमलों की निंदा की गई।
संयुक्त राष्ट्र, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान ने ईरान के मुद्दे पर अमेरिका को एक बड़ा झटका दिया है। हाल ही में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर की मुलाकात हुई थी। यह मानते हुए कि पाकिस्तान में असली ताकत सेना के हाथ में है, डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को मुनीर का व्हाइट हाउस में स्वागत किया। वाशिंगटन में मुनीर के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे, जिससे इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच नजदीकियों की चर्चा शुरू हो गई। लेकिन पाकिस्तान ने ईरान के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में अमेरिका के खिलाफ चीन और रूस के साथ एकजुटता दिखाई है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने रविवार को ईरान पर हुई आपात बैठक में कहा कि इस्लामाबाद अमेरिका के द्वारा ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा करता है। अहमद ने बताया कि पाकिस्तान अपने मित्र चीन और सहयोगी रूस के साथ मिलकर सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर रहा है।
यह आपात बैठक ईरान के अनुरोध पर बुलाई गई थी, जो अमेरिका द्वारा उसकी तीन परमाणु साइटों पर बमबारी के बाद हुई।
अहमद ने कहा कि सुरक्षा परिषद को '13 जून से ईरान पर किए गए हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए और उन्हें खारिज करना चाहिए, क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हैं।'
उन्होंने कहा कि ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फाहान स्थित परमाणु केंद्रों पर हालिया हमले अमेरिका द्वारा किए गए हैं। अहमद ने कहा, 'परिषद को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ओर से संरक्षित परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमलों की निंदा करनी चाहिए, जो सुरक्षा परिषद और आईएईए के प्रस्तावों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करते हैं।'
अहमद ने कहा, 'हम इजरायल के कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम चीन और रूस के साथ मिलकर ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं।'