क्या ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद शांति संभव है?

सारांश
Key Takeaways
- कूटनीति को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
- आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए।
- शांति को थोपा नहीं जा सकता, इसे चुना जाना चाहिए।
यूनाइटेड नेशंस, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ईरानी न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिकी हमलों के बाद चेतावनी देते हुए कहा कि यह कार्रवाई 'प्रतिशोध के विनाशकारी दलदल' की ओर ले जा सकती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "ईरानी न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका के अटैक से उस क्षेत्र में एक खतरनाक मोड़ आया है, जो पहले से ही संकट से जूझ रहा है।"
गुटेरेस ने चेतावनी दी, "इजराइल-ईरान संकट की शुरुआत से ही मैंने मिडिल ईस्ट में किसी भी तरह की सैन्य संघर्ष की बार-बार निंदा की है। इस क्षेत्र की जनता विनाश के एक और चक्र को सहन नहीं कर सकती। इसके बावजूद हम लगातार प्रतिशोध की लड़ाई में उतरने का जोखिम उठा रहे हैं।"
गुटेरेस ने कहा, "आगे किसी भी प्रकार के उकसावे को रोकने के लिए कूटनीति को प्राथमिकता देनी होगी। आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी, और समुद्री मार्गों की सुरक्षित आवाजाही की गारंटी देनी होगी। हमें लड़ाई को रोकने और ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर गंभीर, निरंतर बातचीत पर लौटने के लिए तत्काल और निर्णायक रूप से काम करना चाहिए।"
समाचार एजेंसी 'सिन्हुआ' की रिपोर्ट के अनुसार, गुटेरेस ने विश्वास बहाल करने के लिए एक विश्वसनीय, व्यापक और सत्यापन योग्य समाधान का अपील की है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) का निरीक्षण शामिल हो।
गुटेरेस ने कहा कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की आधारशिला है। ईरान को इसका पूरा सम्मान करना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के अन्य नियमों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार कार्य करने की अपील की है।
गुटेरेस ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में किसी भी और सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है। लेकिन शांति थोपी नहीं जा सकती, इसे चुना जाना चाहिए। हमारे सामने एक मुश्किल विकल्प है। एक रास्ता युद्ध, गहरी मानवीय पीड़ा और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। दूसरा रास्ता तनाव कम करने, कूटनीति और बातचीत की ओर ले जाता है। हम जानते हैं कि कौन सा रास्ता सही है।"
गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से शांति के लिए तर्क, संयम और तत्परता से काम करने का आग्रह किया है।