क्या ईरान पर अमेरिकी बमबारी से स्थिति और बिगड़ सकती है? एंटोनियो गुटेरेस की चेतावनी

सारांश
Key Takeaways
- संयुक्त राष्ट्र ने ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते संघर्ष पर चिंता जताई है।
- एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी कि स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है।
- ट्रंप ने ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले की जानकारी दी।
- शांति का रास्ता केवल संवाद से ही निकलेगा।
- क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखना आवश्यक है।
संयुक्त राष्ट्र, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र ने इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते टकराव पर गहरी चिंता जताई है। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हालात अत्यंत खतरनाक हो गए हैं और यह संघर्ष अब तेजी से नियंत्रण से बाहर जा सकता है। इसका नकारात्मक प्रभाव आम लोगों, पूरे क्षेत्र और पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
शनिवार रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्र के नाम संबोधन से कुछ मिनट पहले, गुटेरेस ने कहा कि यह हमला "अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक सीधा खतरा है।"
उन्होंने कहा कि वह आज ईरान के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए बल प्रयोग को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं और चेतावनी दी कि इस संघर्ष का नागरिकों, क्षेत्र और विश्व के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकता है।
गुटेरेस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस संकट के समय में आवश्यकता है कि हम अराजकता और तबाही के इस सिलसिले को रोकें। इस स्थिति का कोई सैन्य समाधान नहीं है, शांति का रास्ता केवल बातचीत के माध्यम से है।
इससे पहले ट्रंप ने ट्रूथ पर हमले की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि उनकी "सेना ने ईरानी शासन के तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों: फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर बड़े पैमाने पर सटीक हमले किए।"
ट्रंप ने कहा, "हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और दुनिया में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले नंबर एक देश द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना है।"
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और इज़राइल ने "एक टीम के रूप में काम किया है, जैसा कि शायद पहले किसी टीम ने नहीं किया।"
उन्होंने चेतावनी दी, "ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में हमने देखी उससे कहीं अधिक बड़ी होगी।"
उन्होंने कहा कि ईरान में और भी कई ऐसे लक्ष्य हैं, जिन पर अमेरिका हमला कर सकता है।
उन्होंने कहा, "लेकिन यदि शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम सटीकता, गति और कौशल के साथ उन अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे। इनमें से अधिकांश को कुछ ही मिनटों में नष्ट किया जा सकता है।"
हालांकि इससे पहले सोशल पोस्ट में ट्रंप ने यह भी कहा था, "अब शांति का समय है। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।"
उन्होंने कहा, "दुनिया में कोई भी सेना ऐसी नहीं है जो वह कर सके जो हमने आज रात किया। यहां तक कि करीब भी नहीं।"
इज़रायल ने 13 जून को ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करना शुरू कर दिया था, और ईरान ने मिसाइलों और ड्रोन से जवाबी हमला किया, जिनमें से कुछ इज़रायल की सुरक्षा को भेदने में सफल रहे।
ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेंगे कि हमला करना है या नहीं, लेकिन यह निर्णय दो दिन बाद आया।
ट्रंप ने कहा कि जिन तीन स्थलों पर हमला हुआ है उनमें से दो पर पहले भी इज़रायल ने हमला किया था।
ट्रंप फोर्डो और नतांज की बात कर रहे थे। जिस तीसरी फैसिलिटी पर हमला किया गया, वह संवर्धित यूरेनियम का भंडारण था।