क्या अमेरिकी बमबारी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है? : ईरानी परमाणु एजेंसी

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क्या अमेरिकी बमबारी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है? : ईरानी परमाणु एजेंसी

सारांश

ईरान की परमाणु एजेंसी ने अमेरिकी बमबारी को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले की पुष्टि की है, लेकिन ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को जारी रखने के इरादे की पुष्टि की है। क्या यह संघर्ष और बढ़ेगा?

Key Takeaways

  • ईरान की परमाणु साइट्स पर अमेरिकी बमबारी का आरोप
  • अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होने का दावा
  • ट्रंप ने ईरान को बातचीत के लिए दो हफ्ते का समय दिया
  • ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को जारी रखने का आश्वासन दिया
  • संघर्ष के और बढ़ने की संभावनाएं

नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के 'एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन' ने घोषणा की है कि उसके न्यूक्लियर साइट्स पर हुए हमले 'अंतरराष्ट्रीय कानून' का उल्लंघन करते हैं। हालांकि, इस ऑर्गेनाइजेशन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन हमलों से कितना नुकसान हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, एस्फाहान और नतांज परमाणु स्थलों पर हमले किए। यह हमला रविवार सुबह 4.30 बजे (भारतीय समय के अनुसार) हुआ।

ईरान ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी 'नेशनल इंडस्ट्री' के कार्य को नहीं रोकेगा, जो देश के न्यूक्लियर विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

तेहरान की एजेंसी ने कहा कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स पर हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं।

ईरान की परमाणु एजेंसी ने बयान में कहा, "ईरान का एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन ईरान को आश्वस्त करता है कि अपने दुश्मनों की साजिशों के बावजूद, अपने हजारों क्रांतिकारी और वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की कोशिशों से, वह इस नेशनल इंडस्ट्री के डेवलपमेंट को नहीं रोकेगा। जो न्यूक्लियर कार्यक्रम में शहादत देने वालों का परिणाम है।"

ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, एस्फाहान और नतांज परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं।

ट्रंप ने सोशल प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ' पर लिखा, "हमने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स—फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है। सभी प्लेन अब ईरान के एयर स्पेस से बाहर हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई और सेना नहीं, जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है!"

इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यह अमेरिका, इजरायल और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक मौका है। ईरान को यह संघर्ष खत्म करने के लिए सहमत होना चाहिए।

इससे पहले, शुक्रवार को ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने ईरान को अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बातचीत के लिए ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते का समय दिया है।

13 जून को, इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले शुरू किए थे, जिसमें कई बुनियादी ढांचे नष्ट हुए। इसके साथ ही दर्जनों ईरानी सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई। इसके जवाब में, ईरान ने इजरायल के कई स्थानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए।

Point of View

यह आवश्यक है कि सभी पक्ष संयम बनाए रखें। ईरान की न्यूक्लियर गतिविधियों पर नजर रखना और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिकी बमबारी का क्या कारण था?
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को खतरा बताया और इसे रोकने के लिए बमबारी का निर्णय लिया।
ईरान की प्रतिक्रिया क्या थी?
ईरान ने बमबारी को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को जारी रखने का आश्वासन दिया।
क्या ईरान और अमेरिका के बीच और तनाव बढ़ेगा?
यह संभावना बनी हुई है, खासकर जब ईरान ने प्रतिशोधी हमलों की चेतावनी दी है।