क्या नया भारत-भूटान रेलवे संपर्क लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा?

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क्या नया भारत-भूटान रेलवे संपर्क लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा?

सारांश

भारत और भूटान ने हाल ही में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो रेलवे संपर्क को प्रोत्साहित करेगा। यह परियोजना न केवल व्यापार में वृद्धि करेगी, बल्कि दोनों देशों के बीच संबंधों को भी मजबूती प्रदान करेगी। जानिए इस महत्वपूर्ण समझौते के बारे में और कैसे यह भविष्य में दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा।

Key Takeaways

  • भारत और भूटान ने रेलवे संपर्क के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
  • कोकराझार-गेलेफू और बानरहाट-सेरहोमत्से के बीच संपर्क स्थापित होगा।
  • ये परियोजनाएं व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देंगी।
  • भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के तहत विकास सहयोग महत्वपूर्ण है।
  • विदेश मंत्रालय का कहना है कि ये परियोजनाएं आर्थिक संबंधों को मजबूत करेंगी।

नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और भूटान ने सोमवार को दोनों देशों के बीच रेलवे संपर्क स्थापित करने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, भूटान के विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन की नई दिल्ली यात्रा के दौरान यह समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसमें कोकराझार और गेलेफू तथा बानरहाट और सेरहोमत्से को जोड़ने वाले पहले क्रॉस-बॉर्डर रेलवे संपर्क पर सहमति बनी है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री और ओम पेमा चोडेन के बीच वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा, "ये परियोजनाएं दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने के हमारे व्यापक प्रयासों का हिस्सा हैं और आर्थिक तथा लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेंगी।"

बयान में आगे कहा गया, "विशेष रूप से, उन्होंने 1,020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-2 जलविद्युत परियोजना की सभी छह इकाइयों के सफलतापूर्वक चालू होने का स्वागत किया, जो ऊर्जा साझेदारी पर भारत-भूटान संयुक्त दृष्टिकोण की प्राप्ति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के तहत भारत सरकार के सहयोग से चल रही विकास सहयोग परियोजनाओं और पहलों पर भी संतोष व्यक्त किया, जो भूटान के लोगों को ठोस लाभ पहुंचा रही हैं।"

इससे पहले, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत और भूटान को जोड़ने वाली नई परियोजनाओं की घोषणा की ताकि संपर्क और व्यापार को मजबूत किया जा सके।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत दो प्रमुख संपर्क मार्गों की पहचान की गई है। 69 किलोमीटर लंबी कोकराझार-गेलेफू लाइन, जो असम को भूटान के गेलेफू से जोड़ती है और 20 किलोमीटर लंबी बानरहाट-समत्से लाइन जो पश्चिम बंगाल को भूटान से जोड़ती है।

उन्होंने आगे कहा कि 4,033 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली ये परियोजनाएं व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान को महत्वपूर्ण बढ़ावा देंगी। समत्से और गेलेफू भूटान में प्रमुख निर्यात-आयात केंद्र हैं। गेलेफू को भूटान सरकार द्वारा एक माइंडफुलनेस शहर और समत्से को एक औद्योगिक शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।

सीपीआरओ ने कहा कि कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए, कोकराझार-गेलेफू लाइन को एक विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया है, जिससे मंजूरी और भूमि अधिग्रहण में तेजी आएगी।

उन्होंने कहा कि वित्तीय पक्ष में, रेल मंत्रालय भारतीय पक्ष के कार्यों के लिए निवेश वहन करेगा, जबकि भारत सरकार, विदेश मंत्रालय के माध्यम से, भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के तहत भूटानी हिस्से का समर्थन करेगी।

भारत भूटान का प्रमुख व्यापारिक साथी है और ये रेल परियोजनाएं संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देते हुए आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेंगी।

Point of View

बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। भारत द्वारा भूटान के विकास में सहयोग, दोनों देशों के बीच की दोस्ती को और गहरा करेगा।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत-भूटान रेलवे संपर्क का क्या महत्व है?
यह संपर्क व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करेगा।
संपर्क परियोजना की लागत कितनी है?
इस परियोजना की अनुमानित लागत 4,033 करोड़ रुपए है।