क्या एनसीबी ने बरेली में गिरफ्तार ड्रग तस्कर को 12 साल की कैद सुनाई?

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क्या एनसीबी ने बरेली में गिरफ्तार ड्रग तस्कर को 12 साल की कैद सुनाई?

सारांश

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बरेली में एक ड्रग तस्कर को 12 वर्ष की सजा दिलाई। यह मामले की सख्ती से सुनवाई और समाज में मादक पदार्थों के खिलाफ जागरूकता का प्रतीक है। जानिए इस केस के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • एनसीबी की कार्रवाई ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त संदेश दिया है।
  • विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने तस्कर को 12 साल की कैद सुनाई।
  • सतीश कुमार को 4 किलो अफीम के साथ पकड़ा गया।
  • यह मामला समाज में मादक पदार्थों के खतरे के खिलाफ जागरूकता का प्रतीक है।
  • एनसीबी के अभियान में अंतर-एजेंसी सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है।

नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को उस समय बड़ी राहत मिली जब विशेष एनडीपीएस कोर्ट, बरेली ने एक ड्रग तस्कर को अफीम बरामदगी के मामले में 12 साल के सश्रम कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

अधिकारी ने एक बयान में बताया कि एनसीबी की लखनऊ क्षेत्रीय इकाई ने एक विशेष खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए 2 मार्च, 2024 को बरेली में 4 किलो अफीम के साथ सतीश कुमार को गिरफ्तार किया।

विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस) ने 26 सितंबर1985 की धारा 08/18/29 के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।

एनसीबी की लखनऊ जोनल यूनिट के अधिकारी ने बताया कि सतीश कुमार की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, जांच की गई और 17 अगस्त, 2024 को अदालत में एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई।

मुकदमे में अभियोजन पक्ष के पांच गवाहों से पूछताछ की गई, जिसके बाद दोषसिद्धि हुई।

अधिकारी ने एक बयान में कहा कि यह अभियोजन मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ ब्यूरो के अभियान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और समाज को मादक पदार्थों के खतरे से बचाने के लिए एनसीबी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

बयान में कहा गया है कि यह खुफिया अभियानों, कानूनी टीमों और अंतर-एजेंसी समर्थन के बीच प्रभावी समन्वय को भी दर्शाता है।

इस महीने की शुरुआत में, असम राइफल्स और एनसीबी की एक संयुक्त टीम ने मणिपुर के चंदेल जिले में दो मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से लगभग 53.8 करोड़ रुपए के मादक पदार्थ बरामद किए।

एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि 26 सितंबर

सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, म्यांमार की सीमा से लगे चंदेल जिले के बाला पॉइंट इलाके में एक सचल वाहन जांच चौकी स्थापित की गई।

निगरानी के दौरान, एक सफेद जिप्सी और एक मोटरसाइकिल को जांच चौकी की ओर आते देखा गया।

हालांकि, दोनों वाहन चौकी से लगभग 60 से 70 मीटर पहले ही रुक गए और उनमें सवार लोग अपने वाहन छोड़कर आसपास के जंगली इलाके में भागने की कोशिश करने लगे।

रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि तलाशी दल ने तुरंत पीछा किया और इलाके की व्यापक तलाशी शुरू कर दी।

कड़ी मेहनत के बाद, असम राइफल्स और एनसीबी के 22 जवानों की टीम ने दोनों संदिग्धों को सफलतापूर्वक पकड़ लिया।

वाहनों और व्यक्तियों की गहन जांच के बाद 67.26 किलोग्राम अत्यधिक नशीले मेथामफेटामाइन टैबलेट बरामद हुए, जिनका अनुमानित बाजार मूल्य 53.8 करोड़ रुपए है।

प्रवक्ता ने कहा कि जब्त किए गए प्रतिबंधित पदार्थ और पकड़े गए व्यक्तियों को आगे की जांच और कानूनी कार्यवाही के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सौंप दिया गया।

Point of View

यह मामला स्पष्ट करता है कि हमारे देश में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है। एनसीबी की यह सफल कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करती है बल्कि समाज में ड्रग्स के खतरे को भी कम करती है। यह समय की मांग है कि हम सभी मिलकर मादक पदार्थों के खिलाफ खड़े हों।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

एनसीबी ने सतीश कुमार को कब गिरफ्तार किया?
एनसीबी ने सतीश कुमार को 2 मार्च, 2024 को गिरफ्तार किया।
सतीश कुमार को कितनी सजा सुनाई गई?
सतीश कुमार को 12 साल के सश्रम कारावास और 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई।
इस मामले की सुनवाई किस अदालत में हुई?
इस मामले की सुनवाई विशेष एनडीपीएस कोर्ट, बरेली में हुई।
एनसीबी ने कितनी मात्रा में अफीम बरामद की?
एनसीबी ने 4 किलो अफीम बरामद की।
क्या एनसीबी के अभियान का कोई अन्य उदाहरण है?
हाँ, हाल ही में असम राइफल्स और एनसीबी की एक टीम ने मणिपुर में 53.8 करोड़ रुपए के मादक पदार्थ पकड़े।