क्या करूर भगदड़ मामले में पुलिस ने टीवीके जिला सचिव को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- करूर भगदड़ में 41 लोगों की जान गई।
- पुलिस ने टीवीके जिला सचिव को गिरफ्तार किया।
- मुख्यमंत्री ने न्याय का आश्वासन दिया।
- राज्य में सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल उठे हैं।
- पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया गया है।
चेन्नई, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। टीवीके नेता विजय की करूर में चुनावी रैली के दौरान हुई भगदड़ की जांच कर रही पुलिस ने सोमवार को पार्टी के पश्चिमी जिला सचिव मथियाझागन को गिरफ्तार कर लिया है।
यह घटना 27 सितंबर को करूर में विजय की चुनावी रैली के दौरान हुई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक बिजली गुल होने की वजह से अफरातफरी मच गई, जिससे लोग अतिरिक्त बिजली व्यवस्था और निकास द्वारों की ओर भागने लगे।
इस भगदड़ में महिलाओं और बच्चों समेत 41 लोगों की जान चली गई और 110 लोग घायल हुए, जिनमें से अब तक 51 लोग ठीक हो चुके हैं।
शुरुआत में, करूर के पुलिस उपाधीक्षक सेल्वराज इस मामले की देखरेख कर रहे थे, लेकिन राज्य की उच्च पुलिस नेतृत्व ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेमानंद को उच्च-स्तरीय जांच का कार्यभार सौंपा।
पुलिस ने टीवीके के कई पदाधिकारियों (महासचिव आनंद, संयुक्त महासचिव निर्मलकुमार और अब मथियाझागन) के खिलाफ मानव जीवन को खतरा पहुंचाने और सार्वजनिक आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में पांच धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं।
गलत सूचनाओं पर एक समानांतर कार्रवाई में, अधिकारियों ने तीन लोगों (पेरुम्बक्कम (भाजपा) के सागायम, मंगडु (टीवीके) के शिवनेसन और अवादी (टीवीके के सोशल मीडिया प्रशासक) के सरथकुमार) को सोशल मीडिया पर घटना के बारे में अफवाहें फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ितों को न्याय दिलाने का वादा किया।
उन्होंने संयम बरतने का आग्रह करते हुए कहा, "हमने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं और राहत कार्य जारी हैं। अटकलें और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां केवल शोकाकुल परिवारों को ही ठेस पहुंचाएंगी।"
विपक्षी अन्नाद्रमुक नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने सत्तारूढ़ द्रमुक से जवाबदेही की मांग की और भीड़ नियंत्रण उपायों पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, "यह भयावह घटना घोर प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है। सरकार को यह बताना चाहिए कि सुरक्षा प्रोटोकॉल क्यों नहीं लागू किए गए।"
विजय ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक शोक संतप्त परिवार के लिए 20 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की और भगदड़ को 'हृदय विदारक' बताया।
उन्होंने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा, "हमें सच्चाई सामने लाने की जरूरत है ताकि ऐसा हादसा दोबारा न हों।"