क्या पाकिस्तान और ईरान से एक दिन में 7,000 से अधिक अफगान शरणार्थी स्वदेश लौटे?

सारांश
Key Takeaways
- तालिबान शासन की अपील से शरणार्थियों की वापसी में वृद्धि।
- एक दिन में 7,474 अफगान शरणार्थियों का स्वदेश लौटना।
- ईरान और पाकिस्तान से लौटने वाले परिवारों की संख्या।
- अफगानिस्तान में 70 लाख शरणार्थियों का होना।
- स्वदेश लौटने की अपील का असर।
काबुल, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। विदेश में रह रहे अफगान शरणार्थियों पर तालिबान शासन की अपील का गहरा प्रभाव दिखाई देने लगा है। केवल एक दिन में ही ईरान और पाकिस्तान से 1,685 अफगान परिवारों के 7,474 सदस्य अफगानिस्तान लौट आए हैं। यह जानकारी अफगानिस्तान के 'हाई कमीशन फॉर एड्रेसिंग रिटर्नी' ने बुधवार को दी।
इन शरणार्थियों ने तोरखम बॉर्डर (नंगरहार प्रांत), स्पिन बोल्दक बॉर्डर (कंधार), इस्लाम कला बॉर्डर (हेरात) और पुल-ए-अब्रेशम बॉर्डर (निमरोज) के रास्ते देश में प्रवेश किया।
उच्चायोग के अनुसार, लौटने वाले अफगानों को अस्थायी आश्रय, भोजन, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और उनके संबंधित प्रांतों तक यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है।
वर्तमान में करीब 70 लाख अफगान शरणार्थी विदेश में रह रहे हैं, जिनमें से अधिकांश प्रवासियों के पास कोई दस्तावेज मौजूद नहीं हैं और ज्यादातर प्रवासी ईरान और पाकिस्तान में हैं।
इन दोनों देशों की सरकारों ने हाल के दिनों में गैर-कानूनी रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को अपने-अपने देश लौटने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही, तालिबान शासन भी बार-बार अफगान शरणार्थियों से विदेशों में रहने की बजाय स्वदेश लौटकर देश के पुनर्निर्माण में योगदान देने की अपील करता रहा है।
इससे पहले 22 जून को एक रिपोर्ट में बताया गया था कि ईरान में युद्ध और असुरक्षा की स्थिति के कारण प्रतिदिन लगभग 10,000 अफगान नागरिक वहां से इस्लाम कला सीमा चौकी के जरिए वापस आ रहे हैं।
इस्लाम कला सीमा चौकी पर शरणार्थी और वापसी मामलों के उप निदेशक अब्दुल रहीम रहमानी ने बताया, “हाल ही में ईरान में युद्ध और असुरक्षा के कारण शरणार्थियों की वापसी की दर में काफी वृद्धि हुई है। प्रतिदिन 8,000 से 10,000 लोग हेरात प्रांत के इस्लाम कला बॉर्डर के जरिए वापस लौट रहे हैं।”
इसी तरह निमरोज प्रांत के रास्ते भी 2,000 से 3,000 अफगान नागरिकों की रोजाना वापसी हो रही है।