क्या पाकिस्तान के सिंध में 13 लाख बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं?

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क्या पाकिस्तान के सिंध में 13 लाख बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं?

सारांश

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बाल मजदूरी की alarming स्थिति सामने आई है। एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 13 लाख बच्चे काम कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश कृषि क्षेत्र में हैं। क्या यह समस्या हमारे समाज के लिए एक चुनौती है?

Key Takeaways

  • सर्वेक्षण में 13 लाख बच्चे बाल मजदूरी में शामिल हैं।
  • 65 प्रतिशत बच्चे कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं।
  • बाल मजदूरी की दर 1996 के बाद से लगभग 50 प्रतिशत कम हुई है।
  • 38.7 प्रतिशत बच्चे खतरनाक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।
  • सर्वेक्षण ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया है।

इस्लामाबाद, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार, पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पांच से 17 साल की उम्र के लगभग 13 लाख बच्चे बाल मजदूरी के जाल में फंसे हुए हैं, जिनमें से 65 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं।

विशेष रूप से, पाकिस्तान के लेबर डिपार्टमेंट ने यूनिसेफ के सहयोग से सिंध चाइल्ड लेबर सर्वे 2023-2024 की शुरुआत की है।

पाकिस्तान के डेली डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सर्वे में पाया गया कि 13 लाख बच्चों में से लगभग दो-तिहाई बच्चे कृषि में कार्यरत थे, जबकि 12.4 प्रतिशत मैन्युफैक्चरिंग में और 10.8 प्रतिशत होलसेल/रिटेल ट्रेड में थे।

लगभग 30 साल बाद हुए इस पहले सर्वेक्षण ने बाल श्रम को समाप्त करने के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता को उजागर किया है, जिसमें सिंध प्रांत के 29 जिलों में बच्चों की शैक्षिक स्थिति, काम का माहौल और जिम्मेदारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

सर्वेक्षण के अनुसार, 1996 में हुए सर्वेक्षण के बाद से, इस प्रांत में काम करने वाले बच्चों की संख्या लगभग 50 प्रतिशत कम हो गई है। उस समय यह 20.6 प्रतिशत थी। इसमें पाया गया कि पांच से 17 साल की उम्र के 10.3 प्रतिशत बच्चे बाल श्रम में शामिल हैं, जिसमें 13.7 प्रतिशत लड़के और 6.6 प्रतिशत लड़कियां हैं।

यह जानकारी भी सामने आई कि 44.3 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों को काम करने के लिए बाध्य करते हैं ताकि वे परिवार की आय बढ़ा सकें, जबकि 43.5 प्रतिशत बच्चे कार्य से जुड़ी थकान या चोट का सामना करते हैं।

सर्वेक्षण में यह भी देखा गया कि बाल श्रम की सर्वाधिक घटनाएं सुजावल (35.1 प्रतिशत) और थारपारकर (25.6 प्रतिशत) में थीं, जबकि मलिर (2.7 प्रतिशत) और कराची साउथ (3 प्रतिशत) में कम मामले पाए गए।

इसमें यह भी पाया गया कि 10-17 साल के 50.4 प्रतिशत बच्चों को खतरनाक स्थितियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें भारी बोझ उठाना (29.8 प्रतिशत), बढ़े तापमान में काम करना (28.1 प्रतिशत), और वर्क प्लेस पर दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि काम करने वाले बच्चों में से केवल 41.2 प्रतिशत ही स्कूल जाते हैं, जबकि काम न करने वाले 69.9 प्रतिशत बच्चे स्कूल जाते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या उम्र के साथ घटती जाती है, क्योंकि 14-17 साल के काम करने वाले किशोरों में से केवल 29.1 प्रतिशत ही स्कूल जाते हैं।

सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि सबसे गरीब परिवारों में से 33.7 प्रतिशत परिवारों में एक बच्चा मजदूरी करता है। जिन परिवारों को बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम (बीआईएसपी) से सहायता मिलती है या जो आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उनमें बाल मजदूरी की दर अधिक है।

सर्वेक्षण के लॉन्च के दौरान, लेबर सेक्रेटरी असदुल्लाह एब्रो ने कहा कि सर्वेक्षण के परिणाम इस बात की स्पष्ट याद दिलाते हैं कि उन्हें भविष्य में क्या कार्य करना है।

उन्होंने सिंध प्रोहिबिशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट ऑफ चिल्ड्रन एक्ट, 2017 को मजबूत करने और इस समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए नीतियों का निर्माण करने पर जोर दिया।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि बाल मजदूरी केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है। हमें बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान के सिंध में बाल मजदूरी की समस्या क्यों है?
सर्वेक्षण के अनुसार, आर्थिक कठिनाइयों और परिवार की आय बढ़ाने के लिए माता-पिता अपने बच्चों को काम करने के लिए मजबूर करते हैं।
बाल मजदूरी के खिलाफ क्या उपाय किए जा रहे हैं?
पाकिस्तान का लेबर डिपार्टमेंट इस समस्या को खत्म करने के लिए नीतियों को मजबूत कर रहा है और बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इस समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है?
समाज को जागरूक करना, बच्चों को शिक्षा देना और आर्थिक सहायता प्रदान करना इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक हैं।