क्या पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सरकारी कर्मचारियों ने पेन-डाउन स्ट्राइक की घोषणा की?

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क्या पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सरकारी कर्मचारियों ने पेन-डाउन स्ट्राइक की घोषणा की?

सारांश

बलूचिस्तान के सरकारी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को अनसुना किए जाने के खिलाफ पेन-डाउन स्ट्राइक का ऐलान किया है। यह विरोध प्रदर्शन सरकार की नाकाबिलियत और बेपरवाही के खिलाफ उठ रहा है। जानिए इस हड़ताल के पीछे की वजह और इससे जुड़ी अन्य जानकारी।

Key Takeaways

  • पेन-डाउन स्ट्राइक का ऐलान बलूचिस्तान के सरकारी कर्मचारियों ने किया है।
  • सरकार की बेपरवाही और नाकाबिलियत के खिलाफ यह विरोध हो रहा है।
  • 30 और 31 दिसंबर को सभी सरकारी संस्थानों में लॉकडाउन रहेगा।
  • स्वास्थ्य सेवाएं इमरजेंसी में चालू रहेंगी।
  • लेवी फोर्स के पुलिस में मर्जर का विरोध भी हुआ है।

क्वेटा, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूचिस्तान के सरकारी कर्मचारियों ने सोमवार को पेन-डाउन स्ट्राइक की घोषणा की। ये लंबे समय से अपनी मांगों को अनसुना करने की सरकार की आदत से नाराज हैं। पाकिस्तान के प्रसिद्ध समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों के एक प्रमुख संगठन बलूचिस्तान ग्रैंड अलायंस के महासचिव अली असगर बंगुलजई ने एक बयान में कहा कि "सरकार की बेपरवाही और नाकाबिलियत" के कारण कर्मचारियों का विरोध एक नए चरण में पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान ग्रैंड अलायंस से जुड़े सरकारी कर्मचारियों के संगठन सोमवार को पेन-डाउन स्ट्राइक (काम रोको हड़ताल) कर रहे हैं, जिसके बाद 30 और 31 दिसंबर को प्रांत के सभी सरकारी संस्थानों में पूर्ण लॉकडाउन रहेगा।

स्वास्थ्य महकमे में इमरजेंसी सर्विसेस के दौरान कार्य जारी रहेगा।

अक्टूबर में कलात में भी विरोध प्रदर्शन हुआ था। तब कर्मचारियों ने बलूचिस्तान सरकार के लेवी फोर्स को पुलिस विभाग में शामिल करने के निर्णय का विरोध किया था।

प्रांतीय सरकार द्वारा मर्जर की घोषणा के बाद लेवी कर्मियों ने पूरे बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन किया। द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया कि लेवीज फोर्स के सदस्यों ने कलात में एक रैली निकाली थी, जो लेवीज हेडक्वार्टर से शुरू होकर विभिन्न मुख्य क्षेत्रों से होते हुए हेडक्वार्टर लौट आई।

प्रदर्शनकारियों ने लेवीज फोर्स के पुलिस में मर्जर के खिलाफ सड़कों पर जबरदस्त प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान लेवीज अधिकारियों और कर्मचारियों ने कहा कि लेवीज फोर्स का 142 साल का इतिहास है और इसने बलूचिस्तान में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें कई सदस्यों ने अपनी जान गंवाई है।

उन्होंने चेतावनी दी कि पहले भी मर्जर की कोशिशें नाकाम रही हैं और दोहराने पर फिर से नाकामी मिलेगी।

प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान सरकार से मर्जर पर हाई कोर्ट के स्टे ऑर्डर को लागू करने और हाल ही में जारी नोटिफिकेशन को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 16 अक्टूबर को जारी एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, बलूचिस्तान सरकार ने प्रांतीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद, प्रांतीय और संघीय लेवी फोर्स को प्रांत के सात प्रशासनिक डिवीजन में से छह में पुलिस के साथ विलय कर दिया है, और इन डिवीजन को A-Area घोषित किया है।

जिन छह डिवीजन में लेवी फोर्स और पुलिस के विलय को मंजूरी दी गई है, उनमें क्वेटा, रखशान, कलात, मकरान, झोब और नसीराबाद शामिल हैं।

हालांकि, सिबी डिवीजन में लेवी फोर्स को बलूचिस्तान पुलिस में शामिल नहीं किया गया है।

Point of View

NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

पेन-डाउन स्ट्राइक का उद्देश्य क्या है?
पेन-डाउन स्ट्राइक का उद्देश्य सरकार द्वारा की गई अनदेखी और मांगों को अनसुना करने के खिलाफ विरोध करना है।
इस हड़ताल का प्रभाव क्या होगा?
इस हड़ताल के कारण सरकारी संस्थानों में कामकाज ठप हो जाएगा, जिससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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