क्या पाकिस्तान ने 40 साल पुराने अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद कर दिया?

Click to start listening
क्या पाकिस्तान ने 40 साल पुराने अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद कर दिया?

सारांश

पाकिस्तान ने 40 वर्षों से चल रहे अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम सुरक्षा चिंताओं और बढ़ते आतंकवाद के बीच उठाया गया है। क्या यह निर्णय अफगान शरणार्थियों के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न करेगा? जानिए इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • पाकिस्तान ने 40 साल पुरानी अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद किया।
  • बंद होने वाले शिविरों में हरिपुर, चित्राल और अपर दीर के शिविर शामिल हैं।
  • अफगान शरणार्थियों की बढ़ती संख्या पाकिस्तान से लौट रही है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखने की अपील की है।
  • यह निर्णय सुरक्षा चिंताओं के कारण लिया गया है।

इस्लामाबाद, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान ने 40 वर्षों से चल रहे अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद करने का निर्णय लिया है। स्थानीय मीडिया ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी।

पाकिस्तान सरकार ने अफगान शरणार्थियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के तहत, खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में पांच शिविरों को बंद करने का आदेश दिया है।

पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, "खैबर-पख्तूनख्वा में बंद किए जा रहे पांच शिविरों में हरिपुर जिले के तीन शिविर, चित्राल का एक शिविर और अपर दीर का एक शिविर शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, अकेले हरिपुर स्थित पनियन शिविर में 1,00,000 से ज्यादा शरणार्थी रह चुके थे।"

"सरकार ने बढ़ते अपराध और आतंकवाद का हवाला देते हुए अक्टूबर 2023 में बिना दस्तावेज वाले अफगान शरणार्थियों को वापस भेजना शुरू कर दिया था। इस हफ्ते की शुरुआत में, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दोहराया कि अफगान शरणार्थी बलूचिस्तान और केपी में आतंकवाद से जुड़े हैं।"

इस महीने की शुरुआत में, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, यूएनएचसीआर ने अफगानिस्तान में दोहरे संकट के उभरने की चेतावनी दी थी क्योंकि लाखों अफगानों को प्रतिकूल परिस्थितियों में पाकिस्तान से बाहर जाने के लिए मजबूर किया गया था। अफगानिस्तान वर्तमान में उन कई क्षेत्रों में विनाशकारी भूकंप से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है जहां से वापस लौटने वाले शरणार्थी आ रहे हैं।

यूएनएचसीआर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, "इस साल की शुरुआत से अब तक लगभग 26 लाख अफगान पड़ोसी देशों से वापस आ चुके हैं - कई अपनी मर्जी से नहीं। वे गरीबी और सूखे से जूझ रहे देश में आ रहे हैं, जहां मानवीय जरूरतें पहले से ही बहुत ज्यादा हैं। कुछ ने दशकों से अफगानिस्तान में कदम नहीं रखा है; कुछ निर्वासन में पैदा हुए थे और पहली बार आ रहे हैं।"

इसमें आगे कहा गया है, "जैसे ही पाकिस्तान अपनी 'घुसपैठियों की स्वदेश वापसी योजना' पर फिर से अमल शुरू कर रहा है, अप्रैल से अब तक 5,54,000 से ज्यादा अफगान वापस आ चुके हैं - जिनमें अगस्त में ही 1,43,000 लोग शामिल थे। हाल के हफ्तों में, यह गति और भी बढ़ गई है: अकेले सितंबर के पहले हफ्ते में, लगभग 1,00,000 लोग पाकिस्तान से वापस आ गए।"

संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखने का आग्रह किया है।

अफगानिस्तान में यूएनएचसीआर के प्रतिनिधि अराफात जमाल ने 12 सितंबर को जिनेवा में एक प्रेस वार्ता में कहा, "यूएनएचसीआर निरंतर सुरक्षा आवश्यकताओं वाले व्यक्तियों की पहचान करने और अफगानों के लिए विनियमित प्रवासन मार्गों का विस्तार करने हेतु व्यावहारिक तंत्र विकसित करने में पाकिस्तान सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार है।"

Point of View

जो बढ़ते अपराध और आतंकवाद के मुद्दों को संबोधित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, यह निर्णय अफगान शरणार्थियों के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखा जाए।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थी शिविरों को क्यों बंद किया?
पाकिस्तान ने बढ़ते अपराध और आतंकवाद के कारण सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद करने का निर्णय लिया।
कितने अफगान शरणार्थी पाकिस्तान से वापस भेजे गए?
अप्रैल से अब तक 5,54,000 से ज्यादा अफगान पाकिस्तान से वापस लौट चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र इस स्थिति पर क्या कहता है?
संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखने का आग्रह किया है।