क्या कनाडा में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं? अल्बर्टा में प्रीमैच्योर बच्चे की मृत्यु

सारांश
Key Takeaways
- खसरा एक अत्यधिक संक्रामक रोग है।
- प्रीमच्योर बच्चों में खसरे का खतरा अधिक होता है।
- टीकाकरण से खसरे से बचा जा सकता है।
- स्वास्थ्य मंत्री ने गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने की सलाह दी है।
- खसरे के लक्षणों को पहचानना आवश्यक है।
ओटावा, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अल्बर्टा में खसरे से संक्रमित एक प्रीमैच्योर बच्चे की मौत हो गई है। यह प्रांत में खसरे के कारण पहली मौत है, जबकि देश भर में यह इस वर्ष की दूसरी घटना है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री एड्रियाना लाग्रेंज ने गहरा दुःख व्यक्त किया।
एड्रियाना लाग्रेंज ने कहा कि खसरा पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर रोग-प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकता है।
मंत्री ने उन परिवारों से अपील की है जो बच्चे की योजना बना रहे हैं कि वे गर्भावस्था से पहले खसरे की दो खुराक की वैक्सीन लगवा लें, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण की सिफारिश नहीं की जाती है।
इस वर्ष जून में ओंटारियो में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां प्रीमैच्योर बच्चे की खसरे से मृत्यु हुई थी।
कनाडा में यह बीमारी पिछले अक्टूबर से तेजी से फैल रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष 20 सितंबर तक देश में कुल 5,006 खसरे के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें अल्बर्टा और ओंटारियो सबसे अधिक प्रभावित प्रांत हैं।
खसरे की यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि कनाडा ने 1998 में इस बीमारी को समाप्त घोषित किया था। हालांकि, अब यह बीमारी फिर से लौट रही है और देश भर में फैल रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, खसरा एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण होता है। यह संक्रमित व्यक्ति के सांस लेने, खांसने या छींकने से आसानी से फैलता है।
खसरा किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन यह विशेष रूप से बच्चों में अधिक सामान्य है। यह वायरस पहले सांस की नली को संक्रमित करता है और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है। खसरे के लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर पर लाल चकत्ते शामिल होते हैं।
खसरे से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका वैक्सीन लगवाना है। खसरे की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और यह शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करती है।
दुनिया भर में जब तक खसरे की वैक्सीन नहीं आई थी, तब तक हर दो से तीन साल में बड़ी महामारी आती थी, जिससे हर वर्ष लगभग 26 लाख लोगों की मृत्यु होती थी।
हालांकि, 2023 में भी लगभग 107,500 लोगों की मौत खसरे के कारण हुई, जिनमें अधिकांश पांच साल से छोटे बच्चे शामिल थे।
खसरे के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 10 से 14 दिन बाद दिखने लगते हैं। सबसे पहले शरीर पर चकत्ते निकलते हैं जो चेहरे और गर्दन से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाते हैं। शुरुआती लक्षणों में नाक बहना, खांसी, लाल आंखें, आंखों से पानी आना और गाल के अंदर सफेद दाने दिखना शामिल हैं। चकत्ते आमतौर पर 5 से 6 दिनों तक रहते हैं और फिर धीरे-धीरे गायब हो जाते हैं।