क्या एंटोनियो नेटो ने अंगोला के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?
सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति मुर्मू का अंगोला दौरा ऐतिहासिक है।
- एंटोनियो नेटो का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण है।
- द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर जोर दिया गया।
- फोर्टालेजा डे साओ मिगुएल किला अंगोला के इतिहास का प्रतीक है।
- भारत और अंगोला के बीच आर्थिक संबंध मजबूत हो रहे हैं।
लुआंडा, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छह दिवसीय विदेश दौरे पर हैं। दौरे के पहले चरण में भारत की प्रथम नागरिक अंगोला पहुंची हैं। राष्ट्रपति ने सोमवार को अपनी अंगोला यात्रा के दौरान लुआंडा स्थित फोर्टालेजा डे साओ मिगुएल किले का दौरा किया।
फोर्टालेजा डे साओ मिगुएल किले में सशस्त्र बलों का संग्रहालय है, जो अंगोला के औपनिवेशिक काल और स्वतंत्रता संग्राम सहित उसके लंबे और जटिल सैन्य इतिहास की कहानी बयां करता है।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने लुआंडा में अंगोला के प्रथम राष्ट्रपति एंटोनियो अगोस्तिन्हो नेटो के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि एंटोनियो नेटो ने अंगोला के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लुआंडा में डॉ. एंटोनियो अगोस्तिन्हो नेटो के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। अंगोला के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. नेटो, अंगोला की एकता, प्रतिरोध और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक हैं। उन्होंने अंगोला के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
दोनों देशों के नेताओं ने एक बैठक की और ऊर्जा साझेदारी, बुनियादी ढांचे, रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल प्रौद्योगिकियों सहित द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमति जताई है।
राष्ट्रपति मुर्मू और राष्ट्रपति लौरेंको ने मछली पालन, एक्वाकल्चर और मरीन रिसोर्सेज के साथ-साथ वाणिज्य दूतावास संबंधी मामलों में सहयोग से संबंधित समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
राष्ट्रपति मुर्मू 8 से लेकर 13 नवंबर तक विदेश दौरे पर हैं। राष्ट्रपति का दौरा कई मायनों में खास माना जा रहा है। अंगोला और बोत्सवाना में पहली बार किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष का दौरा हो रहा है, इसलिए यह ऐतिहासिक है।