क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंगोला की यात्रा में नेटो को श्रद्धांजलि दी?
सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अंगोला यात्रा ऐतिहासिक है।
- अंगोला के पहले राष्ट्रपति एंटोनियो नेटो को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
- द्विपक्षीय सहयोग के कई क्षेत्रों पर चर्चा की गई।
- भारत और अंगोला के बीच व्यापार में वृद्धि हो रही है।
- विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंगोला के चार दिवसीय राजकीय दौरे पर कदम रखा है। यात्रा के दूसरे दिन, सोमवार को, राष्ट्रपति मुर्मू ने अंगोला की राजधानी लुआंडा में एंटोनियो अगोस्तिन्हो नेटो की समाधि पर फूल चढ़ाए।
अंगोला के पहले राष्ट्रपति डॉ. नेटो एकता, प्रतिरोध और राष्ट्रीय गर्व के प्रतीक माने जाते हैं। उन्होंने अंगोला के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इसके साथ ही, राष्ट्रपति मुर्मू ने लुआंडा स्थित फोर्टालेजा डे साओ मिगुएल किले में सशस्त्र बलों के संग्रहालय का दौरा किया, जो अंगोला के औपनिवेशिक और स्वतंत्रता संग्राम के सैन्य इतिहास को दर्शाता है।
रविवार को राष्ट्रपति ने अंगोला में कदम रखा, जो किसी भी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा किया गया पहला राजकीय दौरा है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
इस दौरे के दौरान, राष्ट्रपति ने अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोनकाल्वेस लौरेंको के साथ द्विपक्षीय चर्चाएं कीं। दोनों नेताओं ने ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
इस अवसर पर मत्स्य पालन, जलीय कृषि और वाणिज्य दूतावास संबंधी मामलों पर समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी हुआ।
भारत और अंगोला के बीच व्यापार में वृद्धि हो रही है, और विदेश मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-2024 में यह 4.192 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। भारत अंगोला का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
अंगोला के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है, जिसमें कच्चे तेल का व्यापार प्रमुख है। दोनों देशों के बीच खेती, मेडिकल सेवाएं, फार्मास्यूटिकल्स, हीरे का व्यापार, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सहयोग भी शामिल है।