क्या पाकिस्तान एयरलाइंस के इंजीनियरों का विरोध उड़ानों को प्रभावित कर रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के इंजीनियर्स का विरोध वेतन असमानता के कारण है।
- सुरक्षा चिंताओं के चलते कई उड़ानें प्रभावित हुईं।
- पाकिस्तान सरकार एयरलाइन के निजीकरण की प्रक्रिया में है।
- इंजीनियर्स ने तकनीकी अनुमति देने से इनकार किया।
- सोसाइटी के कुछ अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
इस्लामाबाद, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के इंजीनियरों ने लगभग एक वर्ष से वेतन असमानता और सुरक्षा संबंधित चिंताओं को लेकर अपनी आवाज उठाई है। इन इंजीनियरों का प्रतिनिधित्व सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान करती है। हाल ही में मामला इतना उग्र हो गया कि इंजीनियरों के विरोध प्रदर्शन के कारण कई उड़ानें बाधित हो गईं और सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान के कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
इंजीनियरों ने 3 नवंबर को विमानों को तकनीकी अनुमति (क्लियरेंस सर्टिफिकेट) देने से इनकार कर दिया, जिसके कारण पाकिस्तान के कई हवाई अड्डों पर सैकड़ों यात्री घंटों तक फंसे रहे। सबसे अधिक असर सऊदी अरब जाने वाली उड़ानों पर पड़ा, जैसा कि डॉन अखबार ने रिपोर्ट किया।
सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के अनुसार विरोध के दो प्रमुख कारण हैं। इंजीनियरों का कहना है कि उनका वेतन वर्षों से स्थिर है, जबकि पायलटों की सैलरी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा, इंजीनियरों का आरोप है कि नए स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध नहीं कराए जाते और उन्हें पुराने पुर्जों का पुनः उपयोग करने के लिए कहा जाता है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
पिछले दो महीनों से इंजीनियर कम वेतन के विरोध में काली पट्टियां बांधकर काम कर रहे थे। 3 नवंबर को उन्होंने सुरक्षा से समझौता न करने का हवाला देकर विमानों को अनुमति देने से मना कर दिया, जिससे कई उड़ानें रद्द या विलंबित हुईं।
पीआईए ने अपने बयान में कहा कि “डि-रिकग्नाइज़्ड” सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए ऑपरेशंस रोकने की कोशिश कर रहा है और यह कदम एयरलाइन के निजीकरण की प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए उठाया गया है।
विरोध के बीच सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष अब्दुल्ला जादून और महासचिव औवाइस जादून को नौकरी से निकाला गया। संगठन ने कहा है कि वह इस कार्रवाई को अदालत में चुनौती देगा।
पाकिस्तान सरकार लंबे समय से घाटे में चल रही राष्ट्रीय एयरलाइन को बेचने की तैयारी में है। करीब 10 वर्षों में पीआईए को 2.5 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।