क्या अफगानिस्तान-पाकिस्तान तनाव के बीच तोरखम सीमा बंद होने से ट्रांसपोर्टर्स को हो रहा नुकसान?
सारांश
Key Takeaways
- तोरखम सीमा 13 अक्टूबर से बंद है।
- ट्रांसपोर्टर्स गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
- दोनों देशों के बीच तनाव व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
- तालिबान ने पाकिस्तान पर आरोप लगाए हैं।
- सीमा खुलने की कोई निश्चित तारीख नहीं है।
इस्लामाबाद, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तोरखम बॉर्डर की ओर जाने वाली सड़क पर फंसे अफगान और पाकिस्तानी ट्रांसपोर्टर्स ने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को द्विपक्षीय व्यापार से अलग रखा जाए। गिरते तनाव के कारण 13 अक्टूबर से सीमा पार आवागमन पूरी तरह से बाधित है।
ट्रांसपोर्टर्स ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उन्हें अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, पैसों की कमी हो रही है, और वे शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी बेबस महसूस कर रहे हैं।
फंसे हुए ट्रांसपोर्टर्स के अनुसार, पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने बताया कि कई प्रकार का सामान ले जाने वाली लगभग 4000 से 5000 गाड़ियाँ सीमा खुलने का इंतजार कर रही हैं, लेकिन व्यापारिक रिश्ते फिर से शुरू होने की कोई निश्चित तारीख नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें निजी सामान की सुरक्षा, पैसों का नुकसान और खाने-पीने की कमी के कारण मानसिक उत्पीड़न शामिल है।
एक स्थानीय ट्रांसपोर्टर ने अखबार को बताया कि उनके कई साथियों के पिछले दो हफ्तों में खाना-पानी, दवाइयों और अपनी भरी हुई गाड़ियों के रखरखाव में पैसे खत्म हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि तथाकथित ट्रांसपोर्टर यूनियनों में से किसी ने भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया। ब्रोकर और सामान के मालिक उनकी वित्तीय दिक्कतों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इनकी चिंताएँ 11 अक्टूबर को अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद सामने आईं, जब काबुल में धमाकों की सूचना मिली और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत में थे। इसके जवाब में, तालिबान ने पाकिस्तान से सटे बॉर्डर पर जानलेवा हमला किया।
एक हफ्ते से ज्यादा समय तक चली जबरदस्त लड़ाई के बाद दोनों देश सीजफायर पर सहमत हुए। इस दौरान कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।
पाकिस्तान ने तालिबान पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) समेत कई समूहों को अफगानिस्तान में "सुरक्षित जगहों" से संचालन करने की इजाजत देने का आरोप लगाया है, हालांकि काबुल ने इसे खारिज किया। तालिबान ने पाकिस्तान की आक्रामक कार्रवाइयों को संघर्ष बढ़ने का कारण बताया।